देवघर : 12 जनवरी से शुरू होने वाले देवघर पुस्तक मेले के संचालन के लिए मेला के प्रधान संरक्षक सह सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने शनिवार को अस्थायी कार्यालय का उद्घाटन किया. सांसद ने कहा कि आने वाले दिनों में देवघर पुस्तक मेला निश्चित रूप से देश के श्रेष्ठ पुस्तक मेलाें में शामिल होगा. आशा है कि देवघर पुस्तक मेला एक साथ शैक्षणिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक उत्सव का विराट स्वरूप लेगा. सांसद ने यह भी कहा कि देवघर पुस्तक मेला मेरे मन में बसता है और इसकी सफलता में हमेशा मेरा योगदान बना रहेगा. उन्होंने एक बार फिर शहर के सभी प्रबुद्ध जनों और महत्वपूर्ण संस्थाओं से अनुरोध किया कि पुस्तक मेला को अपनाएं और सभी तन-मन-धन से पुस्तक मेले की प्रगति और सफलता में अपना सहयोग दें. उन्होंने यह भी अपील की कि अगर शहर के लोग पुस्तक मेले को आत्मीयता के साथ अपनायेंगे, तो इस वर्ष से ही पुस्तक मेले में प्रवेश टिकट भी हटाने पर विचार किया जायेगा और यह एक बड़ा कदम होगा.
मेले में 50 से भी ज्यादा प्रकाशकों के 80 स्टॉल लगेंगे. इनमें राजकमल, किताबघर, सस्ता साहित्य, प्रलेक, नयी किताब, प्रकाशन संस्थान, विकल्प, मैकग्राहिल, नेशनल बुक, करियर लॉन्चर, जी के पब्लिकेशन, क्रॉनिकल, पियरसन, मेहता बुक, राही, भारत पुस्तक भंडार, उपहार, संकल्प, झारखंड झरोखा, प्रगतिशील प्रकाशन, आर्य समाज, इस्कॉन आदि कई बड़े प्रकाशकों और पुस्तक वितरकों के स्टॉल सजेंगे.
इस बार पुस्तक मेला में छह सत्रों में कार्यक्रम आयोजित होंगे. पहली बार यूथ सेशन के रूप में एक नया सत्र शुरू किया गया है, जिसमें पहले पांच दिन यूथ पार्लियामेंट और शेष पांच दिन ओपन माइक, युवा कवि सम्मेलन, तर्पण, गो गर्ल गो जैसे कार्यक्रम होंगे. साहित्यिक उत्सव में 21 जनवरी को राजकमल प्रकाशन समूह द्वारा साहित्य संगम, 20 जनवरी को विश्व के परिदृश्य में वसुधैव कुटुंबकम का सोशल मीडिया पर असर विषय पर साहित्यिक परिचर्चा और 17 जनवरी को प्रसिद्ध लेखक एवं कवि नीलोत्पल मृणाल द्वारा संवाद एवं काव्यांजलि का आयोजन होगा. कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर मेला संयोजक डॉ सुभाष चंद्र राय, उपाध्यक्ष प्रो रामनंदन सिंह, मेला प्रभारी आलोक मल्लिक, सचिव निर्मल कुमार, कोर समिति सदस्य राम सेवक सिंह गुंजन, वीरेंद्र सिंह, मेला के वरीय सदस्य एसपी सिंह, एसपी सिंह सहित विभिन्न संगठनों और आयोजन समिति सदस्य मौजूद थे.
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