Deoghar News: देवघर जिले के सारठ में 38 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन 132/33 केवीए क्षमता के पावर ग्रिड की साइट पर बुधवार को अचानक विस्फोट के बाद आग की लपटें उठने लगीं. अगलगी में साइट पर रखी करीब 9 करोड़ रुपये की जीआइएस मशीन (गैस इंसुलेटेड सब-स्टेशन) जल गयी.
33000 केवीए हाइटेंशन तार में शॉर्ट सर्किट से लगी आग
आग लगने के बाद एक के बाद एक कई जोरदार ब्लास्ट हुए. आग की लपटें तेजी से उठने लगीं. अधिकारियों ने बताया कि साइट के ऊपर से गुजरने वाली 33 हजार केवीए की हाइटेंशन तार में शॉर्ट सर्किट की वजह से यह हादसा हआ. संभवत: किसी पक्षी की वजह से हाइटेंशन तार में शॉर्ट सर्किट हुआ.
सूखी झाड़ी में लगी आग जीआइएस मशीन तक पहुंची
शॉर्ट सर्किट के बाद आग की चिंगारी जमीन पर गिरी. साइट की सूखी झाड़ी में आग लग गई और धीरे-धीरे यह जीआइएस मशीन तक पहुंच गई. इसके बाद जोरदार ब्लास्ट होने लगे. ग्रिड का निर्माण बीजीआर एनर्जी लिमिटेड करा रही है.
बंद था निर्माल स्थल का गेट
साइट पर मौजूद गार्ड की सूचना पर सारठ के कनीय अभियंता प्रभातेश्वर तिवारी और बिजली विभाग के कई कर्मी वहां पहुंचे. निर्माण स्थल का गेट बंद रहने के कारण वे लोग कुछ भी करने से असमर्थ थे. बिजली कटवाकर घटना की सूचना वरीय अधिकारियों की दी.
जीआइएस मशीन मार्च 2023 से साइट पर रखी थी, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है. अचानक आग लगने से मशीन जलकर राख हो गयी. तकनीकी कारणों से पिछले एक साल से निर्माण कार्य बंद है. आग लगने की सूचना कंपनी के अधिकारियों को दी गयी है.
प्रियदर्शी कुणाल, बीजीआर एनर्जी के साइट इंचार्ज
मार्च 2023 से साइट पर रखी थी जीआइएस मशीन
सूचना मिलने पर महाप्रबंधक शिव शंकर प्रसाद सिंह सहित अधिकारियों की टीम एवं कंपनी के स्टोर इंचार्ज वहां पहुंचे. बताया जाता है कि साइट पर यह मशीन मार्च 2023 से ही रखी थी. इसको इंस्टॉल नहीं किया जा सका था.
दो घंटे बाद पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी, नहीं बुझा सकी आग
सूचना मिलने के करीब दो घंटे बाद फायर ब्रिगेड की टीम वहां पहुंची. आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन पानी की कमी के कारण आग नहीं बुझ पायी. करीब नौ करोड़ की मशीन धू-धू कर जलती रही.
निर्माण स्थल पर करीब 9 करोड़ की जीआइएस मशीन रखी थी. इसके ऊपर 33 हजार हाइटेंशन पोल पर पक्षी के बैठने की वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ. आग की चिंगारी गिरने से मशीन जल गयी. ग्रिड का निर्माण कार्य बीजीआर एनर्जी के नाम पर अलॉट था. समय पर काम पूरा नहीं होने की वजह से विभाग ने कंपनी को टर्मिनेट करने की प्रक्रिया शुरू की है.
शिव शंकर प्रसाद सिंह, जीएम संचरण, दुमका
दिसंबर में पूरा हो जाना था काम
झारखंड ऊर्जा वितरण निगम लिमिटेड ने सारठ में 132/33 केवीए क्षमता की ग्रिड का निर्माण का ठेका बीजीआर एनर्जी लिमिटेड को दिया था. कंपनी को 2 साल पहले ही काम को पूरा कर लेना था. संवेदक कंपनी समय पर काम पूरा नहीं कर सकी. विभाग ने 16 दिसंबर 2024 तक काम पूरा करने के लिए कहा था. हालांकि, करीब 4 माह पहले ही संवेदक को टर्मिनेट कर दिया गया.
टर्मिनेशन के विरोध में कोर्ट गई थी संवेदक कंपनी
पावर सब स्टेशन बनने में देरी को लेकर विभाग और संवेदक कंपनी आमने-सामने है. विभाग संवेदक को 4 माह पहले ही टर्मिनेट कर चुका है. वहीं, टर्मिनेशन के विरोध में संवेदक कंपनी ने कोर्ट की शरण ली. अभी भी यह मामला कोर्ट में लंबित है.
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