Deoghar News: देवघर के कुंडा थाना की पुलिस को एक सामान्य चोरी की घटना की प्राथमिकी दर्ज करने में एक साल से भी अधिक समय लग गये. इसके लिए आवेदनकर्ता को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस तक से गुहार लगानी पड़ी. जबकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि गैरजमानतीय धारा में जो भी शिकायत प्राप्त होती है, उसमें 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करना है. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठना लाजिमी है. दरअसल, कुंडा थानांतर्गत देवघर-सारठ मुख्य पथ पर स्थित जय माता दी फ्यूल सेंटर, कुंडा के पास खड़े ट्रक से एक साल पहले 20 अगस्त 2022 को रिम, टायर व अन्य सामान की चोरी हुई थी. घटना के बाद उक्त ट्रक मालिक सारवां थाना क्षेत्र के छीट पांचूडीह गांव निवासी अमित कुमार ने 31 अगस्त 2022 को ही कुंडा थाने में लिखित शिकायत दी थी. इस घटना के 13 महीने बाद 22 सितंबर 2023 को पुलिस ने कुंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज की है
ट्रक मालिक के मुताबिक, पुलिस उन्हें मामले की जांच करने की बात कहती रही, लेकिन समय पर कोई कार्रवाई नहीं की. मामले की जांच करने में पुलिस को एक साल से अधिक समय लग गया और घटना के 13 महीने बाद ट्रक के रिम, टायर व अन्य सामान की चोरी का मामला दर्ज हुआ. प्राथमिकी दर्ज कराने में ट्रक मालिक को लंबा संघर्ष करना पड़ा. इस संबंध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सहित झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अलावा राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, संताल परगना के आइजी व देवघर एसपी को कई बार पत्राचार किया, फिर सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के अलावा झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी व संताल परगना के डीआइजी से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी भी मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट से जानकारी उपलब्ध करायी गयी थी कि ट्रक मालिक के शिकायत को पीआइएल में कन्वर्ट कर लिया गया है.
पहले एसपी को दिया आवेदन, फिर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखा पत्र
ट्रक मालिक अमित ने बताया कि 31 अगस्त 2022 को उन्होंने कुंडा थाने में शिकायत दी थी. उनके आवेदन की रिसिविंग नहीं मिली, तो कुंडा थाने में चल रहे हैलो पुलिस में पुन: दो सितंबर 2022 को शिकायत देकर रिसिविंग प्राप्त किया. बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होने पर 15 दिन के बाद उन्होंने एसपी को आवेदन देते हुए उसकी प्रतिलिपि संताल परगना डीआइजी सहित झारखंड के डीजीपी को भेजा. इसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला, तो सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सहित हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखते हुए प्रतिलिपि झारखंड सरकार के मुख्य सचिव व डीजीपी को भेजी. इस प्रक्रिया में महीनों बीत गये व कार्रवाई का कोई स्टेटस नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल से सूचना अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी मांगी. यही जानकारी सूचना अधिकार अधिनियम के तहत उन्होंने झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी व डीआइजी से भी मांगी.
सुप्रीम कोर्ट से ट्रक मालिक को जानकारी दी गयी कि उनके शिकायत को पीआईएल में कन्वर्ट कर लिया गया है. मुख्य सचिव व डीजीपी के यहां से सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 6 (3) के तहत एसपी ऑफिस देवघर को सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. बावजूद सूचना नहीं देने पर एक महीने बाद पुलिस मुख्यालय में ट्रक मालिक ने अपील की. इसके बाद आइजी मानवाधिकार ने एसपी देवघर को निर्देश दिया कि ट्रक मालिक को सूचना उपलब्ध करायी जाये. इसके बावजूद भी अब तक शिकायतकर्ता को सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी और सूचना नहीं दिये जाने का कोई कारण भी नहीं बताया गया है.
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20 अगस्त 2022 को हुई थी चोरी
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31 अगस्त 2022 को दी शिकायत
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22 सितंबर 2023 को दर्ज हुआ केस
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जांच में पुलिस को लग गये 13 महीने
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ट्रक मालिक ने किया लंबा संघर्ष
ट्रक मालिक ने कुंडा थाने में दी थी शिकायत
ट्रक मालिक अमित ने 31 अगस्त 2022 को कुंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था. जिक्र है कि जय माता दी फ्यूल सेंटर कुंडा के पास सड़क किनारे ब्रेकडाउन होने के कारण उनका ट्रक 10 महीने से खड़ा था. आवेदन में जिक्र है कि 20 अगस्त 2022 रात में उनके ट्रक के रिम, दो टायर, दो जैक, रेंच, रड, बरतन की चोरी अज्ञात चोरों ने कर ली. चोरी गये सामान की कीमत 70 हजार रुपये बतायी गयी थी. पत्नी के इलाज कराने वे दिल्ली गये थे, इसलिए लौटने पर विलंब से थाने में आवेदन दिये.