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बाबाधाम देवघर में जलार्पण के बाद रुद्राभिषेक करा रहे भक्त, यहां मुंडन की अनोखी परंपरा

बाबा मंदिर में काफी संख्या में मुंडन संस्कार हो रहे हैं. यहां मुंडन की अनोखी परंपरा है. इधर बाबा का जलार्पण के बाद भक्त रुद्राभिषेक करा रहे हैं. बाबा नगरी में हर दिन हजारों की संख्या में लोगों का आना होता है. अधिकतर भक्तों के मन में बाबा मंदिर में रुद्राभिषेक कराने की तमन्ना होती है.

Deoghar News: पुरुषोत्तम मास और बांग्ला सावन को लेकर हर दिन कांवरियों के अलावा पुरुषोत्तम मास में आने वाले भक्तों का तांता लगा है. हालांकि, मलमास मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या कम रही. गुरुवार को कम भीड़ होने के कारण सुबह से ही मानसरोवर ब्रिज से ही कतार लगाने की व्यवस्था जारी रखी गयी. बुधवार को रात में पट बंद होने के बाद रात में कतार लगने आये भक्तों को पंडित शिवराम झा चौक पर पूरी रात तक रोक कर रखा गया.

गुरुवार को जलार्पण प्रारंभ होने के बाद कांवरियों को सीधे संस्कार मंडप तक भेजने के बाद कम भीड़ के कारण कांवरियों को मानसरोवर स्थित ओवर ब्रिज से ही इंट्री कराया गया. वहीं, इन दिनों पुरुषोत्तम मास में बाबा मंदिर में काफी संख्या में मुंडन संस्कार हो रहे हैं. परंपरा के अनुसार, पुजारी सुनील तनपुरिये ने मां काली मंदिर में पूजा के बाद बाबा मंदिर का पट खोलवाया. करीब 20 मिनट तक बाबा की कांचा जल पूजा के बाद पुजारी ने 40 मिनट तक षोडशोपचर विधि से पूजा की. इसके बाद सुबह के 4:20 बजे आम भक्तों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया गया.

मुंडन की अनोखी परंपरा

सामान्य तौर पर मुंडन के दौरान बाल को महिलाएं आंचल में लेकर कुंड में डालती हैं. लेकिन, पुरुषोत्तम मास के दौरान आने वाले भक्त अपने बच्चे के मुंडन के पूर्व आटा को गूंथ कर उसकी रोटी का आकार बना कर महिलाएं अपने आंचल में लेतीं हैं. आखिर में बाल को उस आटे की रोटी में लेकर उसे लपेट कर कुंड में डालती हैं. अनाेखे तरीके से होने वाले मुंडन संस्कार को देखने के लिए भी लोग जमा हो रहे हैं.

नर्मदेश्वर मंदिर में बाबा की स्पर्श पूजा करने उमड़ रहे श्रद्धालु, करा रहे रुद्राभिषेक

बाबा नगरी में हर दिन हजारों की संख्या में लोगों का आना होता है. अधिकतर भक्तों के मन में बाबा मंदिर में रुद्राभिषेक कराने की तमन्ना होती है. सुबह 10 बजे से ही मंदिर में वैदिक मंत्राेच्चार करते पंडित और रुद्राभिषक करने के लिए सामने हाथ में श्रिंगी लिये भक्त देखे जा सकते हैं. मंदिर परिसर में अरघा रहने के कारण 31 अगस्त तक तो बाह्य अरघा से जलार्पण के कारण गर्भगृह में रुद्राभिषेक नहीं करा पाने वाले भक्त नर्मदेश्वर मंदिर पहुंच रहे हैं. यहां पर बड़ी तादाद में श्रद्धालु रुद्राभिषेक करा रहे हैं. वहीं, परिसर में दूध या फिर गंगाजल से पवित्र बर्तन में रुद्राभिषेक कर सारे दूध और गंगाजल को बाबा पर अरघा के माध्यम से अर्पित कर रहे हैं. इस मंदिर में सुबह से लेकर शाम छह बजे तक हर दिन सैंकड़ों की संख्या में भक्तों को अभिषेक कराते देखा जा सकता है.

  • बाह्य अरघा के कारण गर्भगृह में प्रवेश है बंद

  • प्रांगण में रुद्राभिषेक कर बाह्य अरघा में अर्पित कर रहे दुग्ध व जल

  • नर्मदेश्वर मंदिर में रुद्राभिषेक कर भक्त कर रहे मंगलकामना

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