Jitiya Vrat 2023: संजत के साथ जीवित्पुत्रिका व्रत प्रारंभ हो गया. गुरुवार को महिलाओं ने स्नान के बाद पूजा पाठ कर भोजन ग्रहण किया. शुक्रवार को महिलाएं संतान प्राप्ति व संतान की मंगलकामना के लिए दिन भर निर्जला व्रत रखेंगी. शनिवार सुबह 10.30 बजे के बाद पारण होगा. जितिया व्रत के नियम तीन दिनों तक चलते हैं. पहले दिन नहाय खाय होता है, इसके अगले दिन निर्जला व्रत रखा जाता है और फिर तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है. आज दोपहर बाद कई महिलाएं बाबा मंदिर पहुंच कर जीमूतवाहन भगवान की विशेष पूजा एवं कथा का श्रवण करने के लिए पहुंचेंगी. कई मुहल्लों में सामूहिक तौर पर पूजा का आयोजन किया जायेगा. पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर की सुबह से शुरू हो गई और इसका समापन सात अक्टूबर को सुबह 10:32 मिनट पर होगा. इस संबंध में बाबा मंदिर के इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने कहा कि वृद्ध और दवा आदि का सेवन करने वाली महिलाएं फलों का सेवन जरूर करें.
जिऊतिया में तीन करोड़ के मछली का कारोबार
जिऊतिया पर्व में देवघर के कई चौक-चौराहा सहित हथगढ़ स्थित मछली मार्केट में जमकर मछली की बिक्री हुई. अनुमान के अनुसार गुरुवार को तीन करोड़ रुपये की मछली की खरीद-बिक्री हुई. देवघर के बाजार में पुनासी डैम, सिकटिया डैम सहित रोहिणी, सारवां व मोहनपुर के तालाबों से देसी मछली उतारी गयी थी. पश्चिम बंगाल से भी बड़ी मात्रा में मछली बाजार में उतारी गयी थी.
देसी मछली 250 से 300 रुपये किलो तक बिके
बाजार में जिऊतिया को लेकर देसी मछली 250 से 300 रुपये किलो तक बिके, जबकि आंध्र प्रदेश से मंगवायी गयी मछलियां 150 से 170 रुपये किलो की दर से बिकीं. जिऊतिया पर्व में नोनी साग, झींगा व झींगा पत्ते की भी खूब बिक्री हुई. इसके साथ ही फलों की दर भी अन्य दिनों के मुकाबले में 10 से 20 रुपये प्रति किलो महंगा रहा.