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Jharkhand Cyber Crime News : देवघर के मोहनपुर में लाखों की ठगी करने के मामले में 9 साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार, जानें कैसे करते थे ठगी

Jharkhand Cyber Crime News (देवघर), रिपोर्ट- आशीष कुंदन : देवघर एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के निर्देश पर साइबर थाने की पुलिस ने सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र के चंदना, डुमरिया व मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा में छापेमारी की. इस दौरान मोहनपुर के चकरमा निवासी मुखिया पति गंगाधर रजक के एकाउंट से रुपये उड़ाने वाले घोरमारा निवासी साइबर क्रिमिनल शुभम कुमार मंडल सहित 9 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने गिरफ्तार शुभम के पास से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल समेत ठगी का बचा हुआ 15 हजार रुपया भी बरामद किया गया है. यह जानकारी पुलिस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी ने दी.

Jharkhand Cyber Crime News (देवघर), रिपोर्ट- आशीष कुंदन : देवघर एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के निर्देश पर साइबर थाने की पुलिस ने सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र के चंदना, डुमरिया व मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा में छापेमारी की. इस दौरान मोहनपुर के चकरमा निवासी मुखिया पति गंगाधर रजक के एकाउंट से रुपये उड़ाने वाले घोरमारा निवासी साइबर क्रिमिनल शुभम कुमार मंडल सहित 9 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने गिरफ्तार शुभम के पास से ठगी में प्रयुक्त मोबाइल समेत ठगी का बचा हुआ 15 हजार रुपया भी बरामद किया गया है. यह जानकारी पुलिस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी ने दी.

एसपी श्री सिन्हा ने बताया कि गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल में शुभम का भाई संतोष मंडल के अलावे सोनारायठाढ़ी थाना क्षेत्र के चंदना गांव निवासी अनिल मंडल, उसका भाई क्रांति कुमार, प्रवीण कुमार, प्रभाकर मंडल, डुमरिया गांव निवासी मन्नु यादव, अजित कुमार व दिनेश कुमार शामिल है. इन साइबर क्रिमिनल के पास से छापेमारी टीम ने नगद 35 हजार रुपये सहित 24 मोबाइल, 34 सिमकार्ड, 12 पासबुक, दो चेकबुक, 18 ATM, दो लैपटॉप, बाइक, स्कूटी व अन्य गाड़ी बरामद किया है. एसपी ने बताया कि साइबर क्रिमिनल प्रभाकर मंडल साइबर थाना कांड संख्या 38/20 का आरोपित है, जो वर्तमान में कोर्ट द्वारा जमानत पर बाहर है.

गंगाधर के मामले में सनोज ने किया मेहनत, एसपी ने 2000 रुपये दिया रिवार्ड

एसपी ने पत्रकारों से कहा कि मोहनपुर थाना क्षेत्र के चकरमा निवासी मुखिया पति गंगाधर के एकाउंट से साइबर क्रिमिनल ने 1,05,000 रुपये उड़ाया था. तकनीकी जांच में पता चला कि इस कांड का आरोपी शुभम फेडरल बैंक का धारक है. एसपी के मुताबिक, मामले के खुलासे में साइबर थाने के पुलिसकर्मी सरोज ने काफी मेहनत किया. इसके लिए उसे 2000 रुपये का रिवार्ड उन्होंने देने की अनुशंसा की है. एसपी ने यह भी बताया कि मुखिया पति गंगाधर के एकाउंट से रुपये उड़ाने में शुभम के अलावे एक अन्य आरोपियों की भी संलिप्तता पायी गयी है. उसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है.

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चार महीने में 7, 76,000 रुपये के साथ 326 साइबर क्रिमिनल की हुई गिरफ्तारी

एसपी ने बताया कि देवघर पुलिस ने दिसंबर 2020 से 26 मार्च 2021 तक 7,76,000 रुपये के साथ 326 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया. चार महीने में कुल 44 मामले साइबर थाने में दर्ज हुआ. गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल के पास से 556 मोबाइल सहित 826 सिमकार्ड, 246 एटीएम कार्ड, 224 पासबुक, 55 चेकबुक, 13 लैपटॉप, 38 बाइक, 17 चार पहिया गाड़ी, तीन स्वाइप मशीन, दो पॉश मशीन व दो राउटर बरामद किया. दिसंबर माह में पुलिस ने 91, जनवरी महीने में 105, फरवरी में 64 व मार्च में अब तक 66 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार किया है.

अलग-अलग तरीके से ठगी करते हैं साइबर क्रिमिनल

एसपी ने जानकारी देते हुए कहा कि साइबर क्रिमिनल अलग-अलग तरीके से झांसे देकर लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ा ले रहे हैं. पूछताछ में गिरफ्तार साइबर क्रिमिनल ने बताया कि विभिन्न बैंकों के अधिकारी बनकर लोगों को कॉल कर वे लोग ठगी करते हैं. KYC अपडेट का झांसा देकर बैंक की सारी जानकारी हासिल कर लोगों के खाते में रखे रकम को मिनटों में खाली कर देते हैं. फोन-पे, पेटीएम मनी रिक्वेस्ट भेजकर झांसे से ओटीपी लेने के बाद ठगी करते हैं. इतना ही नहीं ये लोग गूगल सर्चइंजन पर विभिन्न इलेक्ट्रोनिक एप्प के साइट पर जाकर उसमें भी अपना मोबाइल नंबर को ग्राहक अधिकारी के नंबर की जगह डाल देते हैं. कोई ग्राहक उस नंबर को ग्राहक सेवा अधिकारी का नंबर समझ कर डायल करते हैं और झांसे में आकर सभी जानकारी आधार नंबर आदि साझा कर देते हैं. इसके बाद उन नंबरों के लिंक खाते को वे लोग मिनटों में साफ कर देते हैं.

टीम व्यूवर, क्विक सपोर्ट जैसे रिमोट एक्सेस एप इंस्टॉल कराकर गूगल पर मोबाइल का पहला चार डिजिट नंबर सर्च करते हैं और खुद से छह डिजिट जोड़कर रेंडमली साइबर ठगी करते हैं. यूपीआइ वॉलेट से ठगी किये ग्राहकों को पुन: एकाउंट में रिफंड का झांसा देकर पीड़ित के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर में कुछ जोड़कर वर्चुअल फर्जी एकाउंट बनाने के बाद यूपीआई पिन लॉगिन कराकर भी ठगी कर रहे हैं.

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Posted By : Samir Ranjan.

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