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देवघर : इलाज की सुविधा नहीं, पंचकर्म चिकित्सा केंद्र बदहाल, नहीं हैं डॉक्टर, लौट जा रहे मरीज

देवघर के पुराने सदर अस्पताल में पंचकर्म चिकित्सा केंद्र की स्थिति बदहाल है. केंद्र में डॉक्टर नहीं हैं. दवाइयां और जरूरी उपकरणों का भी अभाव है, जिसके कारण मरीज लौट जा रहे हैं. पांच महीने में 190 लोगों को ही केंद्र में चिकित्सकीय लाभ मिल सका.

राजीव रंजन, देवघर: पुराना सदर अस्पताल स्थित आयुष शाखा के लिए लाखों रुपये की लागत से पंचकर्म चिकित्सा केंद्र की शुरुआत 22 अप्रैल 2022 में हुई थी. केंद्र शुरू होने के सवा साल गुजर चुके हैं और विभागीय अनदेखी के कारण बंद होने के कगार पर भी पहुंच गया है. डॉक्टर, दवा और जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं रहने के कारण मरीजों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है. पंचक्रम चिकित्सा केंद्र में पांच महीने में मात्र 190 लोगों को ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकीं हैं. इनमें 96 लोगों को परामर्श के बाद दवा दी गयी. नौ मई के बाद केंद्र में पहुंचने वाले 94 लोगों को सिर्फ परामर्श ही मिल पाया है. दो महीने से कभी-कभी एक-दो मरीज केंद्र पहुंच जाते हैं तो उसे परामर्श भी मिल जाता था. लेकिन, अब इसके लिए भी डॉक्टर नहीं हैं. कभी मरीज पहुंच भी गये तो उन्हें बैरंग ही लौटना पड़ता है. महज एक साल में ही पंचकर्म चिकित्सा केंद्र मरणासन्न स्थिति में आ गया है.

पंचक्रम चिकित्सा केंद्र में बिजली, पानी की व्यवस्था नहीं

पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में बिजली, पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. इससे स्वास्थ्यकर्मियों को भी काफी परेशानी हो रही है. केंद्र में पानी की व्यवस्था नहीं होने के कारण इलाज में भी परेशानी होती है. बिजली की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण काम करना मुश्किल हो जाता है.

जून में 33 व जुलाई में को मिला परामर्श

केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, मार्च में 12, अप्रैल में 69 तथा मई माह में 25 लोगों को परामर्श के बाद दवा भी दी गयी है. दवा नहीं रहने पर नौ मई के बाद केंद्र में पहुंचने वाले 39 जून में 33 और जुलाई में 22 लोगों को परामर्श दिया गया है.

केंद्र में अनुभवी डॉक्टर-स्वास्थ्य कर्मी की जरूरत, लेकिन अब मात्र एक फार्मासिस्ट

पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में अनुभवी चिकित्सकों के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मियों की जरूरत है. लेकिन, वर्तमान में यहां अब एकमात्र फार्मासिस्ट ही कार्यरत हैं. उन्हें भी केवल चार दिनों की ट्रेनिंग करायी गयी है. डॉक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों के लिए दो साल के कोर्स होने चाहिए. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, पंचकर्म केंद्र में पहले जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनके चौधरी और डॉ एमके मिश्रा की ड्यूटी थी. अब दोनों डॉक्टरों का तबादला हो गया है.

55 लाख की लागत से पुराने टीबी कार्यालय परिसर में बनाया जायेगा नया भवन, टेंडर की प्रक्रिया पूरी

जिला आयुष विभाग की ओर से अप्रैल 2022 में करीब पांच लाख रुपये खर्च कर पुराना सदर अस्पताल में तीन कमरों का रंग-रोगन कर व्यवस्था के साथ पंचकर्म चिकित्सा केंद्र की शुरुआत की गयी. अब विभाग पुराने टीबी कार्यालय परिसर में जगह चिह्नित कर नया भवन बना रहा है, जिसके लिए 55 लाख रुपये उपलब्ध कराये गये हैं. एस्टिमेट बनाने के बाद पैसे की कमी हो गयी और विभाग से 10 लाख रुपये और डिमांड की गयी. मगर, विभाग ने 55 लाख में ही भवन निर्माण करने का आदेश दिया है, जिसकी टेंडर की प्रक्रिया हो चुकी है. जल्द ही ले-आउट किया जायेगा. फिर, भवन निर्माण का कार्य शुरू किया जायेगा.

पांच माध्यमों से हाेनी थी चिकित्सा

पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में मरीजों का स्नेहन, स्वेदन, वमन, विरेचन और रक्तमोक्षण के माध्यम से मरीजों के इलाज के लिए केंद्र की शुरुआत की गयी थी. विभाग की ओर से उपकरण के रूप में एक मात्र शिरोधारा के लिए टेबल लगा है. साथ ही पानी गर्म करने के लिए गैस चूल्हा और दवा बनाने के लिए दो बड़ी कढ़ाई रखी हुई है. इसके अलावा कोई भी उपकरण उपलब्ध नहीं है. इलाज में उपयोग होने वाले जरूरी उपकरण व मिलने वाली दवाइयों के नहीं होने के कारण यह भी बंद हो गया.

क्या कहते हैं अधिकारी

आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एनके चौधरी कहते हैं कि मेरा तबादला हो चुका है. रांची से आ रहे डॉ अशोक पासवान 10 अगस्त को पदभार देंगे. केंद्र में दवाइयां व अन्य सारी व्यवस्था करने को लेकर विभाग को लिखा गया है. आश्वासन मिला भी मिला था. नये भवन निर्माण को लेकर टेंटर हो चुका है. ले-आउट के बाद जल्द ही भवन निर्माण कार्य शुरू किया जायेगा.

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