देवघर : न्यू इयर 2024 के स्वागत के लिए देवघरवासी और यहां आने वाले तमाम सैलानी बेताब हैं. देवघर आने वाले लोगों के लिए यहां सबसे बड़ा टूरिस्ट सेंटर कहें या धार्मिक पर्यटन कहें बाबा मंदिर है. दिसंबर माह से ही सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है. पश्चिम बंगाल से भारी संख्या में पर्यटक देवघर पहुंच रहे हैं. वहीं नये साल के आगमन को सेलिब्रेट करने के लिए अभी से बिहार, बंगाल और दूसरे राज्यों के लोग बाबाधाम आने लगे हैं. इसलिए यहां के तमाम होटल, धर्मशाला आदि फुल है. नये साल में घूमने का प्लान बना रहे हैं या देवघर के लोग पिकनिक मनाने की सोच रहे हैं तो यहां के कई प्रमुख स्थल हैं, जहां आप सेलिब्रेट कर सकते हैं.
नया पिकनिक स्पॉट पुनासी डैम
पुनासी डैम में बड़े पैमाने पर पर्यटकों का आगमन शुरू हो गया है. डैम के किनारे पार्किंग की सुविधा के साथ साथ पिकनिक का बेहतर स्पॉट है. यहां पिकनिक के साथ डैम के सुंदर व्यू का लुत्फ उठा सकते हैं.
सारठ और मधुपुर से नजदीक सिकटिया डैम पर्यटकों के आकर्षण का बडा केंद्र बनता जा रहा है. सिकटिया डैम में नौका विहार पर्यटकों को रोमांचित करता है. नौका विहार से पूरे डैम की सैर से पर्यटक उत्साहित होते हैं. सिकटिया डैम में देवघर और मधुपुर से साथ साथ पश्चिम बंगाल से भी पर्यटक पहुंच रहे हैं.
देवघर का बायोडायवर्सिटी, पार्क डिगरिया पहाड़
देवघर का पहला बायोडायवर्सिटी पार्क डिगरिया पहाड़ में है. डिगरिया पहाड़ के घने जंगल की सैर पर्यटकों को आकर्षित करता है. पार्क में कई दुर्लभ व रंग-बिरंगे पक्षियों को देखा जाता है. जगह-जगह बैठने की सुविधा है.
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देवघर जिला का सबसे पुराना और मनोरंजन के साधन से लैस पार्क है. यहां से सूर्योदय के साथ-साथ सूर्यास्त का दृश्य काफी मनोरम दिखता है. वही बच्चों के मनोरंजन के लिए सभी प्रकार के उपकरण मौजूद है. अगर आप यहां परिवार या दोस्त या सगे संबंधी के साथ नया साल का पिकनिक मनाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे बढ़िया जगह है. वहीं लोकेशन की बात करें तो यह जसीडीह स्टेशन से 06 किमी दूर है वहीं बाबा बैद्यनाथ मंदिर से 03 किमी दूर है.
नौलखा मंदिर
प्रसिद्ध नौलखा मंदिर देवघर के प्रमुख पर्यटन स्थल में से एक है. इस मंदिर में आपको खूबसूरत वास्तुकला का अनूठा सौंदर्य देखने को मिलेगा. रानी चारूशीला के द्वारा 1940 में इस खूबसूरत मंदिर का निर्माण करवाया गया था जो पश्चिम बंगाल के पथरिया घाट की रानी थी. इस मंदिर की स्थापना करवाने में 9 लाख का व्यय हुआ था, जिस कारण से इस मंदिर का नाम नौलखा मंदिर रखा गया. स्थापत्य कला का यह अनूठा मंदिर भगवान कृष्ण तथा राधा जी को समर्पित वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है.
उपरोक्त के अलावा धार्मिक और अध्यात्मिक आस्था का केंद्र भी है देवघर. पिकनिक स्पॉट और पार्क के अलावा देवघर अध्यामिक और धार्मिक रूप से विश्व विख्यात है. यहां बाबा बैद्यनाथ मंदिर, श्रीश्री ठाकुर अनुकूल चंद्र सत्संग आश्रम, रिखियापीठ, बालानंद आश्रम, देवसंघ आश्रम सहित कई स्थल हैं, जहां सालोंभर देश-विदेश से लोगों को आना लग रहता है. ठंड के मौसम में बंगाल के सैलानी धार्मिक, अध्यात्मिक टूर के अलावा पर्यटन का भी आनंद लेने पहुंच रहे हैं.
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