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आर मित्रा प्लस टू स्कूल देवघर में 11 टीचर की और जरूरत, लैब भी फंक्शनल नहीं

स्कूल प्रशासन द्वारा 11 टीचर के साथ स्पेशल टीचर की मांग जिला शिक्षा पदाधिकारी से की गयी है. स्मार्ट क्लासेस का संचालन होता है. लाइब्रेरी, लैब पूरी तरह से फंक्शनल नहीं है

सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस आर मित्रा प्लस टू स्कूल, देवघर में छठी कक्षा से 12वीं तक की पढ़ाई हो रही है. छठी से नौंवी कक्षा तक में नामांकन के लिए कुल 320 सीटें निर्धारित हैं. प्रत्येक कक्षा में 80-80 सीटें हैं. 11वीं साइंस, आर्ट्स व कॉमर्स में नामांकन के लिए 180 सीटें निर्धारित हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो सेकेंडरी में शिक्षकों का स्वीकृत 33 पद एवं हायर सेकेंडरी में 11 पद है. वर्तमान में सेकेंडरी में 22 एवं हायर सेकेंडरी में 10 शिक्षक कार्यरत हैं. टीजीटी संस्कृत में दो पद, गणित व भौतिकी में तीन पद, इतिहास व नागरिक में पांच पद, भूगोल में शिक्षक का एक पद खाली पड़ा है. पीजीटी में भौतिकी विषय में एक पद खाली पड़ा है.

स्कूल प्रशासन द्वारा 11 टीचर के साथ स्पेशल टीचर की मांग जिला शिक्षा पदाधिकारी से की गयी है. स्मार्ट क्लासेस का संचालन होता है. लाइब्रेरी, लैब पूरी तरह से फंक्शनल नहीं है. कैंपस में चार करोड़ की लागत से वर्ग कक्ष के लिए नया भवन निर्माण के साथ बॉस्केटबॉल ग्राउंड, शौचालय आदि का निर्माण किया गया है. प्रधानाध्यापक कक्ष का भवन सहित जीर्ण-शीर्ण वाले भवनों को दुरुस्त किया जा रहा है. प्लांटेशन पर भी जोर दिया जा रहा है.

स्वीकृत पदों के मुकाबले 11 शिक्षकों की कमी संसाधन की कमियों को किया जायेगा दूर

आर मित्रा प्लस टू स्कूल देवघर को सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में शामिल करना निश्चित रूप से गर्व की बात है. यहां कक्षा 6 से 12वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. नामांकन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जा रहा है. यहां वही बच्चे एडमिशन के लिए आ रहे हैं, जो रेगुलर क्लासेस अटेंड करने के साथ साथ पढ़ाई भी करना चाहते हैं. सीएमएस स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का यह फर्स्ट फेज है. फर्स्ट फेज में दिक्कतें तो होती है, उन कमियों को धीरे-धीरे दूर किया जायेगा. क्लासरूम पर्याप्त है.

लेकिन फिजिक्स केमेस्ट्री एवं बायो का स्पेसिफिक रूम का अभाव है. स्पेसिफिक रूम बन जाने से वहां भी संसाधन उपलब्ध कराया जायेगा. यह पूरी तरह से सरकार की योजना है. 1 जुलाई से नए शैक्षणिक सत्र की कक्षाएं शुरू की गयी है. पेरेंट्स एवं गार्जियन का पूरा सहयोग भी मिल रहा है. विद्यालय में स्वीकृत पद के मुकाबले 11 शिक्षकों की कमी है. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर को मांग पत्र भेजा गया है. शिक्षक भी क्लास रूम में अंग्रेजी में पढ़ाते हैं फिर उसे हिंदी में समझाते भी हैं.

बच्चों काे हिंदी भाषा में भी मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है. साइंस मैथ एवं अंग्रेजी की पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से करायी जाती है. सोशल साइंस हिंदी और अंग्रेजी मैं एवं हिंदी विषय की पढ़ाई हिंदी भाषा में करायी जाती है. शिक्षकों का रोल, कोआर्डिनेशन एवं फीडबैक जरूरी है. उपलब्ध संसाधन का पूरा-पूरा उपयोग होना चाहिए. इसमें शिक्षकों का अहम रोल होता है.

– कार्तिक प्रसाद तिवारी, प्रधानाध्यापक, आर मित्रा प्लस टू स्कूल, देवघर

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