संवाददाता, देवघर : देश के मैट्रो सिटी से लेकर हर छोटे-बड़े शहरों में एक व दो रुपये का सिक्के चल रहे हैं. बैंकों में भी बेरोकटोक ये सिक्के चल रहे हैं, लेकिन देवघर के बाजार में एक व दो रुपये के सिक्के के लेन-देन में आनाकानी की जा रही है. एक और दो रुपये के सिक्के के अदान-प्रदान में कोई रोक नहीं होने के बाद भी बाजार में अधिकतर दुकानदार व थोक विक्रेता सिक्का लेने से इंकार कर रहे हैं. फुटपाथ व खुदरा दुकानों से लेकर अन्य प्रतिष्ठान में भी एक व दो रुपये के सिक्के लेने में बहानेबाजी की जा रही है. कई छोटे-छोटे दुकानों से लेकर थोक दुकानदार व पेट्रोल पंप संचालक भी बैंकों का हवाला देकर सिक्का लेने से इंकार कर रहे हैं. बिलासी स्थित एक पेट्रोल पंप में तो नोटिस चिपका दिया गया कि एक और दो रुपये का सिक्का लेने में असमर्थ हैं, कारण एसबीआइ जमा नहीं लेती है. पेट्रोल पंप कर्मियों का कहना है कि कई लोग 102 रुपये या 103 रुपये का भी पेट्रोल लेते हैं. इस दौरान 100 रुपये के नोट के साथ एक व दो रुपये का सिक्का भी दे जाते हैं. उनका कहना है कि पहले पंप में एक और दो रुपये का सिक्का लिया जाता था, लेकिन जब बैंक जमा करने गये, तो सिक्का लेने से साफ इंकार कर दिया है. ऐसी परिस्थिति में एक और दो रुपये का सिक्का लेने असमर्थता जतानी पड़ी. हालांकि एसबीआइ प्रबंधन सिक्का जमा नहीं लेने की बात से सीधे इंकार कर रहा है.
क्या कहते हैं एसबीआइ के आरएम
एक और दो रुपये के सिक्के में कोई रोक नहीं है. एसबीआइ कभी भी एक और दो रुपये के सिक्के लेने से इंकार नहीं करती है. बाबा मंदिर में दानपात्र के एक और दो रुपये के सिक्के एसबीआइ में भारी मात्रा में जमा होते हैं. अभी भी बैंक में ऐसे सिक्के बोरे में जमा हैं. पेट्रोल पंप में एसबीआइ का नाम लेकर क्यों नोटिस चिपकाया है व किस ब्रांच में सिक्का लेने से इंकार किया गया है, इसका पता लगाते हैं. हर परिस्थिति में एसबीआइ ब्रांच में सिक्के जमा लिये जायेंगे.
– प्रशांत कुमार, आरएम, एसबीआइ, देवघर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है