मधुपुर. संत शिरोमणि गुरु रविदास की 648 वीं जयंती मधुपुर समारोहपूर्वक मनायी गयी. इस दौरान कचहरी मोड़ स्थित डाॅ भीमराव आंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. वहीं, भेड़वा नवाडीह में कार्यक्रम आयोजित कर जयंती मनायी गयी. इस दौरान भेड़वा एक रैली भी निकाली गयी. जो विभिन्न मार्गों का भ्रमण कर आंबेडकर चौक कोर्ट मोड़ में समाप्त हुई. वहीं, शिक्षक संघ के नेता संजय कुमार दास ने बताया उनका जन्म 15 वीं शताब्दी के उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुआ था. रविदास बचपन से ही बहुत धार्मिक थे और उन्होंने अपने जीवन के दौरान कई धर्म ग्रंथों को अध्ययन किया था. रविदास एक महान संत, कवि और समाज सेवक थे. इनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सन् 1377 में हुआ था. रैदास ने साधु-संतों की संगति से ज्ञान प्राप्त किया था. इतिहासकारों का मानना है कि संत रविदास का कोई गुरु नहीं था. इन्होंने आम जनमानस को धार्मिक अंधविश्वास और आडंबर से दूर रहने का संदेश दिया था और मन को गंगा जैसा पवित्र रखने की सलाह दी थी. मौके पर पप्पू दास, अर्जुन दास, बलदेव दास, बबलू दास, विजय दास, संतोष दास, जयदेव दास के साथ बड़ी संख्या में अनुयायी शामिल हुए.
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