17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुंशी प्रेमचंद की रचनाओं में झलकता है प्रगतिशीलता का भाव : डॉ शर्मा

प्रगतिशील लेखक संघ की ओर से देवसंघ स्थित दुर्गा सोरेन विश्वविद्यालय के सभागार में महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह सह विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.

-प्रगतिशील लेखक संघ के तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन -मुंशी प्रेमचंद की जीवनी पर आधारित कविताओं का हुआ पाठ देवघर. प्रगतिशील लेखक संघ, देवघर जिला के तत्वावधान में रविवार को देवसंघ स्थित दुर्गा सोरेन विश्वविद्यालय के सभागार में महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद जयंती समारोह सह विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि रिटायर्ड प्राचार्य डॉ नागेश्वर प्रसाद शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाओं की जितने भी प्रशंसा की जाये, वह बहुत ही काम है. उन्होंने यथार्थ जीवन में जो देखा, उसी को अपनी रचनाओं में उद्धृत किया. प्रेमचंद की रचनाओं में प्रगतिशीलता का भाव पूर्ण रूप से दर्शित होता है. डॉ पालन झा ने कहा कि प्रेमचंद की सभी रचनाएं कालजयी हैं, जो वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी कसौटी पर खरी उतर रही है. गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रो रामनंदन सिंह ने कहा कि महान उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद प्रगतिवादी रचनाकार थे, जिन्होंने लोक में प्रचलित बुराइयों पर बहुत ही उलझे हुए शब्दों में कटाक्ष किया है. महासचिव एफएम कुशवाहा ने कहा कि महान कथाकार ने समाज की सच्चाई को अपनी जादुई कलम से सहेजने का काम किए हैं, जिस पर आज भी लोग शोध कर रहे हैं. रिटायर्ड हेडमास्टर प्रेमशीला गुप्ता ने कहा कि प्रेमचंद की लिखी रचनाओं में समाज का सटीक चित्रण है, जबकि डॉ विजय शंकर ने कहा कि महान कथाकार हम लोगों के बीच नहीं है लेकिन उनकी रचनाएं आज भी अमर है. वीरेश वर्मा ने लोक भाषा खोरठा में कविता-झिमिर झिमिर बरसे बदरवा, सावन भादों की उमड़ल नदिया,रही रही उठ ज्वार हो…मधुर लय से सुनायी. डॉ प्रदीप कुमार सिंह देव ने प्रेमचंद की जीवनी एवं उनकी रचनाओं पर पर आधारित कविता पाठ कर खूब तालियां बटोरीं. अलका सोनी ने-नमन उसे मानव को जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से अच्छे बुरे का फर्क बताया …कविता पाठ की, जबकि रविशंकर साह ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं साहित्यिक जगत में अहम स्थान रखती है. मौके पर डॉ संध्या रानी, प्रमेश वर्मा, सौरभ सुमन, कुमारी स्नेहलता, श्रीकांत जायसवाल, जाने माने कहानीकार प्रशांत कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार चौधरी, शत्रुघ्न प्रसाद, किरण चौबे, धीरेंद्र छतरहारवाला, अनीता चौधरी, धनंजय प्रसाद, अजीत कुमार पाहुजा, अमित कुमार सिंह, चंद्र मोहन मोदी आदि ने विचार रखे. वहीं दुर्गा सोरेन विवि की ओर से तीन साहित्यकारों को सम्मानित किया गया. धन्यवाद ज्ञापन प्रगतिशील लेखक संघ के जिला अध्यक्ष प्रो रामनंदन सिंह ने किया. मौके पर पर उपरोक्त विश्वविद्यालय के कर्मियों का भरपूर योगदान किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें