देवघर एम्स की स्टैंडिंग फाइनांस कमेटी की ऑनलाइन बैठक बुधवार को हुई. बैठक में दिल्ली से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव सुधांशु पंत व गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे जुड़े. बैठक में सांसद डॉ दुबे के प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया कि देवघर एम्स में आउटसोर्सिंग कंपनियों की ओर से जितनी भी नियुक्तियां की जायेगी, उसमें 80 फीसदी स्थानीय युवाओं को नौकरी दी जायेगी, इसमें देवघर, दुमका व गोड्डा के युवाओं को देवघर एम्स में तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरियों में प्राथमिकता दी जायेंगी. एम्स में स्थानीय आउटसोर्सिंग कंपनियाें से भी सेवा लेने में प्राथमिकता दी जायेगी. बैठक में देवघर एम्स की इमरजेंसी सेवा जल्द चालू करने का फैसला लिया गया. इमरजेंसी 24 घंटे चालू रखा जायेगा.
ओपीडी को नये भवन में शिफ्ट करने का प्रस्ताव
सांसद ने मरीजों की बढ़ती संख्या पर बैठक में प्रस्ताव दिया कि ओपीडी को नये भवन में शिफ्ट किया जाये, ताकि अधिक से अधिक मरीजों का इलाज हो पाये. बैठक में निर्णय लिया गया कि ओपीडी को नये भवन में शिफ्ट कर अलग-अलग विभाग के डॉक्टरों का इलाज शुरू होगा, जिसमें संबंधित विभाग के मरीज नंबर लगाकर दिखा पायेंगे. इससे प्रति दिन तीन हजार मरीजों को ओपीडी में देखा जा सकेगा. जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जायेगी. इस दौरान हंसडीहा में निर्मित अस्पताल में एम्स प्रबंधन द्वारा संताल परगना के आदिवासियों में पाये जाने वाली बीमारियों का इलाज करने के लिए रिसर्च शुरू करने का निर्णय लिया गया. इसके लिए एम्स प्रबंधन की टीम हंसडीहा के अस्पताल में शिफ्ट करेगी. बैठक में एम्स के वित्तीय लेखा-जोखा की भी समीक्षा की गयी. ऑनलाइन बैठक में एम्स के प्रेसिडेंट एनके अरोड़ा, एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय सहित अन्य सदस्य थे.
एम्स में इलाज व जांच के लिए ऑफलाइन भुगतान की सुविधा शुरू करने की मांग
एम्स में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके रिश्तेदारों ने चिकित्सकों से परामर्श और अन्य जांच सुविधाओं को लेकर ऑनलाइन माध्यमों से पेमेंट में परेशानी होने का जिक्र किया है. लोगों ने बताया कि एम्स में किसी भी जांच के लिए ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध है. ऐसे में डिजिटल माध्यमों से पेमेंट करना नहीं जानने वालों को परेशानी हो रही है. विदित हो कि देवीपुर प्रखंड क्षेत्र में स्थित एम्स में कई राज्यों के सैकड़ों मरीज प्रतिदिन अपना इलाज कराने आते हैं. इसके साथ ही देवीपुर के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों से भी बुजुर्ग, महिलाएं, दिव्यांग और अभिभावकों के साथ बच्चे भी इलाज कराने एम्स आते हैं, जिसमें कई लोगों के मोबाइल के जरिये ऑनलाइन पेमेंट करने की जानकारी नहीं होने और एटीएम सुविधा नहीं होने के कारण काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर पाने के कारण कई लोगों को बिना इलाज कराये घर वापस लौटना पड़ता है. समाजसेवी जनार्दन पांडेय, इरशाद अंसारी सहित दर्जनों लोगों ने कहा की ऑनलाइन सुविधा होने से खासकर गरीब व कम पढ़े -लिखे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. लोगों ने देवघर डीसी व एम्स प्रबंधन से ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन भुगतान की भी व्यवस्था कराने की मांग की है. ताकि डिजिटल माध्यमों से पेमेंट नहीं कर पाने वालों का भी इलाज हो सके.
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