देवघर : सड़क सुरक्षा समिति को लेकर गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे द्वारा मांगे गये मार्गदर्शन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उन्हें पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी दी है. गडकरी ने कहा है कि वर्ष 2022 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 168,000 से अधिक लोगों की जान चली गयी और 443,000 से अधिक लोग घायल या स्थायी रूप से विकलांग हो ये. भारत में 18-45 वर्ष के आयु वर्ग में सड़क दुर्घटनाएं मृत्यु का प्रमुख कारण बनकर उभरी हैं. ऐसी परिस्थिति में सड़क सुरक्षा भारत सरकार के लिए एक उच्च प्राथमिकता बनी हुई है और इस मुद्दे के समाधान के लिए कई पहल की गयी है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 15 जनवरी से 14 फरवरी, 2024 तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह मना रहा है. सड़क सुरक्षा अभियान के तहत आयोजनों और गतिविधियों के माध्यम से आम जनता को जागरूक करना है. नितिन गडकरी ने सांसद डॉ दुबे से एक सांसद होने के नाते कहा है कि आप अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़क सुरक्षा गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को जागरुक करें. लोगों को सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद व प्रोत्साहित करने के लिए कानून की जानकारी दें. केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि इस माह को गोड्डा संसदीय क्षेत्र में शून्य मृत्यु माह बनाने का लक्ष्य रखा जा सकता है. सड़क सुरक्षा कानून को सख्ती से लागू करने की जरूरत है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस वर्ष सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 50% की कमी सुनिश्चित करने के लिए डीसी को एक लक्ष्य निर्धारित करें. सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों में 50% की कमी के लक्ष्य के लिए डीसी से मासिक प्रगति रिपोर्ट लेना सुनिश्चित करें. साथ ही डीसी के साथ जिला सड़क सुरक्षा समिति की नियमित रूप से बैठक कर प्रमुख सड़कों का ऑडिट व सभी घातक दुर्घटनाओं की वैज्ञानिक जांच सुनिश्चित करायें. ब्लैक स्पॉट और उच्च मृत्यु दर वाले क्षेत्रों के सुधार के लिए तेज गति से गाड़ी चलाने, सड़क पर अवैध पार्किंग, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पाबंदी लगायें. ब्लैक स्पॉट पर एम्बुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश डीसी काे दे सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने सांसद डॉ निशिकांत दुबे को एक अन्य पत्र भेजकर बताया है कि सड़क सुरक्षा देश में एक गंभीर मुद्दा है. अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा में सांसद का सक्रिय समर्थन प्राप्त करने के लिए सांसद की अध्यक्षता में “सड़क सुरक्षा पर संसद सदस्य समिति” नामक एक अन्य समिति को अधिसूचित किया गया था. मंत्रालय से जारी अधिसूचना के अनुसार, इस समिति में संबंधित जिला कलक्टर को सदस्य सचिव नामित किया गया है. राज्य सरकार द्वारी जारी अधिसूचना के अनुसार राज्य की समितियां अलग हैं. इस समिति में डीसी अध्यक्ष तो हैं, लेकिन सांसद सदस्य नहीं है. केंद्र व राज्य की दोनों समितियां अलग-अलग है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एकरूपता लाने के लिए झारखंड सरकार को इस मामले को गंभीरता से देखने व राज्य की अधिसूचना में संशोधन करने का निर्देश दिया है.
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