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देवघर, फाल्गुनी मरीक कुशवाहा : झारखंड में देवघर जिले के एक गांव को आस-पास की विकास परियोजनाओं ने रोजगार, विकास और समृद्धि के सपनों की सौगात दी है. इस सौगात ने उन्हें संसदीय चुनाव के प्रति उत्साह से भर दिया है. दिलों में पैदा लोकतंत्र की इस लहर ने यहां के लोगों को मतदान के लिए आतुर कर दिया है.
झारखंड के कपासिया गांव के लोग चुनाव को लेकर हैं उत्साहित
लोकसभा चुनाव को लेकर कपासिया गांव के लोग काफी उत्साहित हैं. हालांकि चुनाव होने में अभी देरी है, लेकिन प्रत्याशियों के नामांकन की खबर सुनकर ग्रामीणों में चुनाव को लेकर एक अलग ही जोश दिख रहा है. यह गांव देवीपुर प्रखंड की रामू की पंचायत में अवस्थित है, जहां की आबादी काफी घनी है. अधिकतर लोग किसान परिवार से आते हैं. युवा हो या बुजुर्ग, महिला हो या पुरुष, सबों के बीच एक ही चर्चा वोट देकर अपने प्रतिनिधि का चयन करना है. बेहतर जनप्रतिनिधि होगा, तो इलाके का विकास भी होगा. गांव के लोगों का मानना है कि पहले के मुकाबले क्षेत्र का विकास हुआ है. गांव के बगल में एम्स बन गया है. प्लास्टिक पार्क लगभग तैयार हो गया है. बाइपास का भी निर्माण हुआ है. गांव के ही नरेश प्रसाद मांझी स्थानीय भाषा में कहते हैं, “बड़का-बड़का काम होल छै. एकराक के कइसें बिसरबे. एम्स बनले आरो एयरपोर्ट बनले. हमनी विकास नाम पर आपन वोट देने.” पूछने पर बड़े उत्साह के साथ स्थानीय लोग बताते हैं, प्रतिदिन एम्स में हजारों लोग दूसरी जगह से आते हैं. इलाज करा कर वापस लौटते हैं. इससे इस क्षेत्र का नाम रोशन हुआ है. इसके अलावा एयरपोर्ट का निर्माण बहुत बड़ी उपलब्धि है. गांव की ही सावित्री देवी कहती हैं, ” विकास जे नेतवां करलो छे आरो करे वाला छे, ओकरेक चुनेक मोन हमनी बनालो छिये.काम ने करे बलाक बैठोल नाय देइबे.”
बड़का-बड़का काम होल छै. एकराक के कइसें बिसरबे. एम्स बनले आरो एयरपोर्ट बनले. हमनी विकास नाम पर आपन वोट देने.
नरेश प्रसाद मांझी
कपासिया गांव से एक किलोमीटर दूर है झारखंड की शान एम्स
गांव से महज एक किलोमीटर की दूरी पर एम्स है, जो झारखंड की शान है. हालांकि गांव से एम्स जाने के लिए बेहतर सड़क नहीं बन पायी है. इसका मलाल ग्रामीणों को है. रोहिणी से लेकर कपासिया मोड़ वाया एम्स सड़क बनाने की मांग ग्रामीणों ने कई बार की है. कच्ची सड़क रहने से आने-जाने में भारी परेशानी इस इलाके के लोग झेलते हैं. पर लोगों में उम्मीद है, इस पर यह सड़क जरूर बन जायेगी. जो भी जनप्रतिनिधि चुन कर आयेगा, इसपर अवश्य ध्यान देगा. गांव के ही राम गोपाल मालिक कहते हैं, “सब्भै कुछ ठीक है, घरे ठीना बोड़ एम्स छै. कखनु कोय बेमार होते तेय तुरतें देखाय लेते, सड़के बेस ने हे,एकरेक दुख छौ.” इसी बात पर छोटेलाल मरीक भी अपना दुख व्यक्त करते हैं, “एम्स होसपीटल सें हमनीक ईलाजक सुविधा होले, मतुर सड़के हो खटारा. ईटा दुखक बात हो.”
सब्भै कुछ ठीक है, घरे ठीना बोड़ एम्स छै. कखनु कोय बेमार होते तेय तुरतें देखाय लेते, सड़के बेस ने हे,एकरेक दुख छौ.
राम गोपाल मालिक
पुनासी डैम के निर्माण से ग्रामीणों में खासा उत्साह
गांव के लोगों में पुनासी डैम के निर्माण से भी खासा उत्साह है. हालांकि पानी के इंतजार में लोग हैं, सिंचाई के साधनों का विकास नहीं हुआ है. कपासिया गांव के लोग अजय नदी से लिफ्ट के माध्यम से सिंचाई की मांग विगत 20 वर्षों से करते आ रहे हैं लेकिन यह काम नहीं हो पाया है. अपने प्रतिनिधि से विकास की अपेक्षा रखते हैं. चेंपिया देवी बताती हैं, ” दिल्ली वाला भोट छीको. एकराम सोची समझीक वोट देबो. जें काम करल छे ओकरेक वोट देबे.”