धनबाद.
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) के इमरजेंसी में शुक्रवार को रिम्स रेफर किये गये मरीज 108 एंबुलेंस के इंतजार में तड़पते रहे. घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें एंबुलेंस नहीं मिली. चिकित्सकों द्वारा रिम्स रेफर करने के बाद शुक्रवार की सुबह तीन मरीजों को एसएनएमएमसीएच से डिस्चार्ज कर दिया गया था. तीनों मरीजों के परिजनों ने 108 एंबुलेंस के कॉल सेंटर में फोन कर बुकिंग करायी. इसके बाद सुबह से दोपहर हो गयी, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची. ऐसे में मरीज इमरजेंसी के बरामदे पर स्ट्रेचर पर एंबुलेंस के इंतजार में तड़पते रहे. बाद में लोगों को एंबुलेंस के वीआइपी ड्यूटी में भेजे जाने की जानकारी कॉल सेंटर से मिली.कई करते रहे इंतजार, कुछ को वापस लिया गया भर्ती :
शुक्रवार की सुबह एसएनएमएमसीएच से कुल छह मरीजों की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें रिम्स रेफर किया गया था. नियम के अनुसार रेफर करने के साथ ही मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया. उनका बेड दूसरे मरीजों को दे दिया गया. वहीं रिम्स रेफर किए गए मरीजों को डिस्चार्ज करने के बाद बाहर निकलने के लिए स्ट्रेचर दिया गया. घंटों इंतजार करने के बाद भी 108 एंबुलेंस के नहीं आने पर कुछ मरीजों के आग्रह पर उन्हें दोबारा अस्पताल में भर्ती कर लिया गया. वहीं कई मरीज व उनके परिजन शुक्रवार की शाम तक एंबुलेंस का इंतजार करते रहे. उन्हें रिम्स ले जाने के लिए रात को एंबुलेंस पहुंची. जिन मरीजों को रात में एंबुलेंस से रिम्स ले जाया गया, उनमें तोपचांची निवासी सीताराम मंडल (66 वर्ष) व अन्य शामिल हैं. वहीं पैर में गंभीर फ्रैक्चर होने से पीड़ित भूली के रहने वाले संजय वर्मा की पत्नी गीता वर्मा को समय पर एंबुलेंस के नहीं आने पर परिजनों ने दोबारा अस्पताल में भर्ती करा दिया.तीन दिन से यही स्थिति :
अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि तीन दिन से इमरजेंसी में यही स्थिति है. रिम्स रेफर किये जाने वाले मरीज व उनके परिजन 108 एंबुलेंस की बुकिंग कराते हैं. इसके बाद सुबह से रात तक एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ रहा है.अचानक क्यों हुई एंबुलेंस की कमी :
धनबाद विधानसभा चुनाव को लेकर जिले में कुछ दिनों से वीआइपी मूवमेंट तेज हो गया है. नियम के अनुसार वीआइपी मूवमेंट होने पर जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा चिकित्सक व एंबुलेंस की व्यवस्था की जाती है. जिला स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर 108 एंबुलेंस को वीआइपी मूवमेंट होने पर विभिन्न जगहों पर भेज दिया जा रहा है. जबकि, मरीजों को रिम्स लेकर जाने के लिए सिर्फ छह एंबुलेंस से काम लिया जा रहा है. यह एंबुलेंस लाइफ सेविंग उपकरण से लैस हैं. अन्य 29 सामान्य एंबुलेंस का इस्तेमाल जिले के मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में किया जाता है. कुछ दिनों से लाइफ सेविंग उपकरणों से लैस एंबुलेंस को वीआइपी मूवमेंट की ड्यूटी पर लगा दिया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है