24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Dhanbad News: बीएसएनल घोटाले में 20 साल बाद आया फैसला, सभी 13 आरोपी बरी

Dhanbad News: बीएसएनल घोटाले में 20 साल बाद धनबाद सीबीआइ कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाया. साक्ष्य के अभाव में सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया.

Dhanbad News: बीएसएनल घोटाले में 20 साल बाद धनबाद सीबीआइ कोर्ट ने शनिवार को फैसला सुनाया. साक्ष्य के अभाव में सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया.

Dhanbad News:बीएसएनल में 44 हजार 872 रुपये के घोटाले में 20 साल बाद धनबाद सीबीआइ कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. शनिवार को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश राजनीकांत पाठक की अदालत ने साक्ष्य के अभाव में सभी 13 नामजद आरोपियों को बरी कर दिया है. फैसला सुनाये जाने के वक्त अदालत में अधिवक्ता मनोज कुमार सिन्हा व कुमार मनीष मौजूद थे. अदालत में अभियोजन की ओर से सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक केस साबित करने में विफल रहे. अदालत ने मामले के नामजद सभी आरोपी प्रेम शंकर प्रसाद (एसडीई बीएसएनल धनबाद) , सुनील शर्मा, अजय शरण, हेमंत गुप्ता, प्रदीप यादव, राजेश कुमार सिंह, प्रियदर्शी अशोक, राजेश कुमार, अशोक कुमार महतो, शैलेश कुमार श्रीवास्तव, ज्योति कुमार, शंकर मंडल, परमेंदर कुमार को बाइज्जत बरी करने का आदेश दिया. 31 मार्च 2004 को कुल 16 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि वर्ष 2001 से 2003 के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में बीएसएनएल द्वारा भीपीटी टेलीफोन कनेक्शन लगाना था. आरोप था कि एसडीई प्रेमशंकर ने आरोपियों के साथ षड्यंत्र कर फर्जी कागजात के सहारे ऐसे लोगों को भीपीटी कनेक्शन दे दिया, जो उसके पात्र नहीं थे. आरोप था कि इसके लिए प्रेम शंकर ने एसडीओ का फर्जी हस्ताक्षर किया था.

दहेज प्रताड़ना में डॉ मृत्युंजय सिंह की सजा बहाल

दहेज के लिए पत्नी को प्रताड़ित करने के एक मामले में हाउसिंग कॉलोनी निवासी डॉक्टर मृत्यंजय सिंह को राहत नहीं मिली. धनबाद के जिला व सत्र न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने अधिवक्ता पंकज कुमार वर्णवाल की दलील सुनने के बाद डॉक्टर मृत्यंजय की अपील को खारिज कर दी. अदालत ने ट्रायल कोर्ट द्वारा दिये गये दो वर्ष की सजा को बहाल रखने का आदेश दिया है. एक जुलाई 2024 को धनबाद के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सफदर अली नायर की अदालत ने सहायक लोक अभियोजक रुचिका की दलील सुनने के बाद मामले के नामजद आरोपी हाउसिंग कॉलोनी निवासी डॉक्टर मृत्युंजय सिन्हा को दो वर्ष कैद व 10 हजार रुपये जुर्माना से दंडित किया था. प्राथमिकी नीता सिन्हा की शिकायत पर 30 मई 2014 को दर्ज की गयी थी. प्राथमिकी के मुताबिक नीता सिन्हा की शादी वर्ष 1998 में डॉ मृत्युंजय के साथ हुई थी. आरोप था कि जनवरी 2001 से उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था. उन पर पटना स्थित मकान लिखने का दबाव ससुराल के लोग कर रहे थे. विवश होकर नीता सिन्हा के घर वालों ने सरदार पटेल नगर हाउसिंग कॉलोनी में डॉक्टर मृत्युंजय सिंह को फ्लैट खरीद कर दिया था. नीता ने आरोप लगाया था कि 20 जनवरी 2014 को दहेज की मांग को लेकर उसके साथ गाली गलौज व मारपीट की गयी थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें