धनबाद.
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में रविवार को एओ इंटरनेशनल, स्विटजरलैंड की ओर से एओ ट्रॉमा हाइब्रिड सेमिनार का आयोजन किया गया. इस कोर्स के माध्यम से चिकित्सकों को ऑर्थोपेडिक सर्जरी व ट्रॉमा की नयी तकनीक की जानकारी दी गयी. इसमें ऑनलाइन माध्यम से देश-विदेश के अनुभवी ऑर्थोपेडिक सर्जन, ट्रॉमा विशेषज्ञों ने हड्डी से जुड़ी सर्जरी व नई तकनीकों को बताया. सेमिनार की शुरुआत सुबह नौ बजे हुई. इस दौरान अलग-अलग हड्डी से जुड़ी सर्जरी की बेहतरीन तकनीक की जानकारी चिकित्सकों को दी गयी. सेमिनार में धनबाद, रांची, जमशेदपुर, दुर्गापुर आदि जिलों से 40 से ज्यादा ऑर्थोपेडिक चिकित्सक शामिल हुए. बता दें कि एओ इंटरनेशनल, स्विटजरलैंड की ओर से एओ ट्रॉमा हाइब्रिड सेमिनार के लिए देशभर के 22 केंद्रों का चयन किया गया था. इनमें एसएनएमएमसीएच धनबाद समेत सात मेडिकल काॅलेज भी शामिल थे.पहली बार मेडिकल कॉलेज में हुई कैडेबरी सर्जरी :
एओ ट्रॉमा हाइब्रिड सेमिनार के दौरान एसएनएमएमसीएच के इतिहास में पहली बार कैडेबरी सर्जरी (मृत व्यक्ति के शरीर पर ऑपरेशन का अभ्यास) की गयी. इसमें स्कैपुला सर्जरी (टूटे कंधे का ऑपरेशन) किया गया. स्कैपुला सोसाइटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ डीपी भूषण ने मृत व्यक्ति के शरीर पर सर्जरी की. बताया कि कंधे की हड्डी टूटने पर इसे ठीक करने के लिए सर्जरी की जाती है. इसमें कंधे की हड्डी के पीछे या बगल में बड़े चीरे लगाकर, हड्डी के टुकड़ों को सही जगह पर रखा जाता है. फिर स्क्रू और प्लेट से हड्डी को ठीक किया जाता है. इस सर्जरी में कई घंटे लग सकते हैं. सर्जरी के बाद मरीज को स्लिंग पहनकर आराम करना होता है और हल्की-फुल्की गतिविधियां करनी होती हैं. यह सर्जरी जटिल मानी जाती है.इन विषयों पर दी गयी जानकारी :
निर्णय लेने में रोगी और चोट के कारक, उपचार में नरम ऊतक संबंधी विचार, चोट का पूर्ण रेडियोलॉजिकल मूल्यांकन, एओ वर्गीकरण, पूर्ण स्थिरता, सापेक्ष स्थिरता, खुले फ्रैक्चर, लैग स्क्रू, प्लेट्स लॉकिंग और नॉन लॉकिंग, आइएम नेलिंग, बाहरी फिक्सेटर, पोस्ट ऑपरेटिव संक्रमण, संपीड़न प्लेटिंग, लॉक प्लेटिंग आदि.शिक्षा, अनुसंधान और उपचार में उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है संगठन :
डॉ डीपी भूषण ने बताया कि एओ इंटरनेशनल एक वैश्विक संगठन है, जो ऑर्थोपेडिक सर्जरी और ट्रॉमा के क्षेत्र में शिक्षा, अनुसंधान और उपचार में उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है. 1958 में स्थापित एओ इंटरनेशनल का मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है. एओ इंटरनेशनल का मुख्य उद्देश्य ऑर्थोपेडिक सर्जरी और ट्रॉमा के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करना, अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना, उपचार की गुणवत्ता में सुधारना आदि है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है