धनबाद.
भूदा दुर्गा मंदिर में आयोजित भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास सुरेंद्र हरिदास महाराज ने कथा की शुरुआत भजन से की. उन्होंने मुझे वृंदावन धाम बसा लो रसिया… भजन गाया. इस पर उपस्थित श्रद्धालु झूम उठे. उन्होंने कहा कि जब भगवान के उत्सव होते हैं तब ऐसा अनुभव होता है जैसे साक्षात परमात्मा हम सब के बीच आ गये हों. हमारे संतों ने कहा है कि भगवान के उत्सव ही मनुष्य जीवन में सबसे श्रेष्ठ उत्सव होते हैं. हर मानव को इसमें शामिल होना चाहिए. हमेशा परमात्मा का नाम लेते रहना चाहिए. मनुष्य के साथ केवल राम नाम जाता है. मनुष्य के जीवन में कथा का होना बहुत आवश्यक है क्योंकि भगवान कि कथा ही है, जो सभी मानव को सद्मार्ग का दर्शन कराती है. भगवान के हो जाओ कल्याण होना निश्चित है. मनुष्य अपना सारा जीवन अपनों के लिए लगा देता है. मनुष्य का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि उसने कभी भी अपने लिए समय नहीं निकाला. इसी कारण मनुष्य खुद का सबसे बड़ा दुश्मन होता है. कथा को सफल बनाने में टिंकू साव, आंनद कामदेव, सुरेंद्र पांडे, रामवृक्ष साव, सिदेश्वर मिश्रा, अनिल यादव, प्रमोद मंडल, संजय पासवान, ओमप्रकाश सिन्हा, दीपक रवानी, छोटू साव, संतोष साव, मनोज महतो, उमेश महतो, महानंद रवानी, विष्णु महतो, प्रमोद चौबे, मंटू चौहान, सूरज साव, रिंकी देवी, रवि सिन्हा, पंकज गुप्ता, चंदन महतो, विनय सिन्हा, साधना देवी, डोली देवी, सीता देवी, मनज्योति देवी, साधना देवी, अहिल्या देवी, पूनम गुप्ता, सीमा सिन्हा, रीता देवी, नीलम देवी, जगदम्बा पांडे, दयामंती साव, शांति देवी, माला देवी आदि लगे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है