धनबाद जिला के विधानसभा क्षेत्र के परिणाम पर सबकी नजरें टिकी हुई है. पिछले कुछ विधानसभा चुनावों के दौरान यहां पर राष्ट्रीय जनतांत्रिक संगठन (एनडीए) का प्रदर्शन बेहतर रहा है. इस बार भी यहां पर एनडीए के समक्ष बेहतर प्रदर्शन की चुनौती है.
2009 को छोड़ हर चुनाव में धनबाद रहा है भगवा के साथ :
अलग झारखंड राज्य बनने के बाद धनबाद एनडीए खासकर भाजपा के लिए सेफ जोन बना हुआ है. धनबाद जिला के छह में चार से पांच सीटों पर भाजपा को जीत मिलती रही है. धनबाद जिला में 2005 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने धनबाद, झरिया, सिंदरी सीट पर जीत हासिल की थी. जबकि बाघमारा से सहयोगी जदयू को जीत मिली थी. निरसा में फॉरवर्ड ब्लॉक, टुंडी में झामुमो प्रत्याशी विजयी रहे. 2009 के चुनाव में भाजपा को यहां झटका लगा. धनबाद से कांग्रेस, टुंडी से झामुमो, बाघमारा एवं सिंदरी से झाविमो, निरसा से मासस जीतने में सफल हुई थी. भाजपा को सिर्फ झरिया सीट से कामयाबी मिली. 2014 के चुनाव में एनडीए ने यहां के छह में से पांच सीटों पर बाजी मारी. सिर्फ निरसा पर मासस विजयी रही थी. 2019 में छह में से चार सीटों पर भाजपा प्रत्याशी विजयी हुए थे. झरिया में कांग्रेस तथा टुंडी से झामुमो को जीत मिली थी. इस बार धनबाद के सभी छह सीट से भाजपा के प्रत्याशी मैदान में हैं. जबकि महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस के तीन, माले के दो एवं झामुमो के एक प्रत्याशी मैदान में हैं.भाजपा ने स्टार प्रचारकों की होगी परीक्षा :
भाजपा ने इस बार भी धनबाद के सभी छह सीटों पर पूरी ताकत झोंक दी थी. धनबाद से सटे चंदनकियारी में चुनाव प्रचार के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आये थे. इनके अलावा धनबाद के बाघमारा एवं झरिया में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सभा हुई. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंदरी, टुंडी में चुनावी सभाएं की. असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वा सरमा ने धनबाद, टुंडी एवं बाघमारा में चुनावी सभाएं की. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने धनबाद एवं झरिया में चुनावी सभाओं को संबोधित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है