बीआइटी सिंदरी में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन Dhanbad news : बीआइटी सिंदरी में असैनिक अभियंत्रण विभाग द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन डाॅ बी भट्टाचार्य, आइआइटी दिल्ली ने असैनिक अभियंत्रण में सतत विकास, कार्बन उत्सर्जन और चुनौतियां पर व्याख्यान दिया. उन्होंने जैविक क्षमता और परिस्थितिकी पदचिह्न पर विचार व्यक्त किया. डॉ भट्टाचार्य ने कहा कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने और उसके दुष्प्रभावों को कम करने का सामूहिक प्रयास करना होगा. डाॅ एसके दास, आइआइटी आइएसएम धनबाद ने निर्माण सामग्री और कचरे का उत्सर्जन के पुनर्चक्रण पर विचार व्यक्त किया. कहा कि कचरे को केवल बेकार समझना उचित नहीं है, क्योंकि यह विभिन्न रासायनिक संरचनाओं से बनता है और इसके पुनर्चक्रण से नयी उपयोगी सामग्री बनायी जा सकती है. फ्लाई ऐश का उदाहरण देते हुए बताया कि इसका उपयोग पर्यावरण अनुकूल ईंटों और कंक्रीट के निर्माण में किया जा सकता है. सम्मेलन के चेयरपर्सन डाॅ संजय कुमार शुक्ला ने पुनर्चक्रण योग्य सामग्री के उपयोग और पर्यावरण संरक्षण पर व्याख्यान दिया. बताया कि कचरे का सही उपयोग कर उसे फिर से प्रकृति में लौटाया जा सकता है, जिससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा. डाॅ सुनील कुमार गुप्ता, आइआइटी, आइएसएम धनबाद ने जल प्रबंधन पर कहा कि एशिया का सबसे बड़ा कोल फील्ड झरिया क्षेत्र में जल संकट एक ज्वलंत समस्या है. इस क्षेत्र में अत्यधिक भूजल दोहन और प्रदूषण के कारण जल संकट का सामना कर रहा है. कहा कि वर्षा जल संचयन, मिट्टी और जल संरक्षण, खदानों के पास पौधरोपण लाभदायक साबित होगा. आयोजन समिति के सचिव डॉ ब्रह्मदेव यादव ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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