वरीय संवाददाता, धनबाद,
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में सिस्टम की लापरवाही का दंश आग से झुलसे मरीज झेल रहे हैं. राज्य के तीसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) के बर्न वार्ड का बुरा हाल है. यहां गंदगी और बदबू के बीच मरीजों का इलाज हो रहा है. इस वजह से आग से झुलसे मरीजों को हमेशा इंफेक्शन का खतरा रहता है. अस्पताल के सर्जरी विभाग अंतर्गत संचालित एक कमरे का बर्न वार्ड बनाया गया है. वार्ड में तीन बेड लगे हुए हैं. आग से झुलसे मरीजों का जलन कम करने के लिए एक एसी भी लगा है, लेकिन बिजली कटने पर एसी बंद हो जाता है. कभी-कभी ही वार्ड के कमरों की सफाई होती है.
हल्के जले मरीजों को एसआइसीयू व गंभीर को कर दिया जाता है रेफर :
अस्पताल के बर्न वार्ड की हालत किसी से छुपी नहीं है. ऐसे में आग से हलके जले मरीजों को अस्पताल के सर्जिकल आइसीयू में भर्ती लेकर अन्य मरीजों के साथ चिकित्सीय सुविधा प्रदान की जाती है. वहीं 30 प्रतिशत से ज्यादा जले मरीजों को सीधे रिम्स रेफर कर दिया जाता है. इस बीच अगर किसी के परिजन मरीज को रिम्स जाने से इनकार करते हैं, तो उन्हें बर्न वार्ड में भर्ती कर लिया जाता है.
स्टील गेट में बनकर तैयार है 40 लाख का बर्न वार्ड :
स्टील गेट के पास मेडिकल कॉलेज की जमीन पर वर्ष 2017 में लगभग 40 लाख रुपये की लागत से बर्न वार्ड बनाया गया है. लेकिन अब तक इस वार्ड को खोला नहीं जा सका है.
प्रबंधन को सुपर स्पेशियलिटी खुलने का इंतजार :
एसएनएमएमसीएच परिसर में बने सुपर स्पेशियलिटी में अत्याधुनिक बर्न वार्ड यूनिट तैयार किया गया है. अस्पताल प्रबंधन को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल खुलने का इंतजार है, जो कि हाेता नहीं दिख रहा है. सुपर स्पेशियलिटी में चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली की प्रक्रिया लटकी हुई है. स्वास्थ्य मुख्यालय स्तर पर सुपर स्पेशियलिटी के लिए चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली होनी है.