जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (डीआरडीए) के जिला परिषद में विलय को शासी निकाय की मंजूरी के बाद अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. अब डीआरडीए के अधिकारियों एवं कर्मियों को जिला परिषद का भी काम करना होगा. सनद हो कि गुरुवार को डीआरडीए धनबाद शासी निकाय की जिला परिषद अध्यक्ष शारदा सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में विलय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी थी. विलय के बाद डीआरडीए के कर्मचारी अब जिला परिषद के अधीन हो गये. डीडीसी सह जिला परिषद के सचिव सादात अनवर ने बताया कि शासी निकाय से मिली मंजूरी को अब जिला परिषद बोर्ड की बैठक में रखा जोयगा. कुछ अन्य औपचारिकताएं भी हैं. जिसे पूर्ण किया जा रहा है. इस प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए कवायद तेज कर दी गयी है
जिला परिषद को मिले अतिरिक्त अभियंता, कर्मी :
डीआरडीए धनबाद में फिलहाल 15 अधिकारी, कर्मचारी हैं. इनके लिए जिला परिषद में अलग से कोषांग बनेगा. कोषांग को राज्य सरकार से मिलने वाली आवंटन से 15 कर्मचारियों का वेतन का भुगतान होगा. डीडीसी ने बताया कि जिला परिषद में अधिकारियों व कर्मचारियों की कमी है. खासकर जिला परिषद में कनीय एवं सहायक अभियंताओं की भारी कमी है. इसके कारण जिला परिषद की योजनाओं के क्रियान्वयन में परेशानी होती है. डीआरडीए के जिला परिषद में विलय होने से यह कमी दूर हो जायेगी. विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में अभियंताओं को लगाया जायेगा. उम्मीद है कि जिला परिषद बोर्ड की जल्द बैठक बुलायी जा सकती है.डीआरडीए कर्मियों ने हाइकोर्ट में दाखिल कर रखी है याचिका :
डीआरडीए का जिला परिषद में विलय करने के राज्य सरकार के फैसले को डीआरडीए कर्मचारी संघ ने हाइ कोर्ट में याचिका दायर की है. हालांकि, अब तक याचिका स्वीकृत नहीं हुई है. यह मामला विचाराधीन है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है