सुदूर ग्रामीण इलाकों के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार की ओर से शुरू की गयी इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का जिले में बुरा हाल है. इसे लेकर स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा व परिवार कल्याण विभाग ने एक बार फिर धनबाद स्वास्थ्य विभाग को शोकॉज किया है. विभाग की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा में धनबाद जिला राज्य के 24 जिलों में 22वें स्थान पर है. अक्टूबर माह में धनबाद जिले के विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में सिर्फ 623 मरीजों को इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के तहत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी गयी. वहीं सितंबर माह में 1412 मरीजों को चिकित्सीय परामर्श दिया गया था. बता दें कि इससे पहले मई माह में भी योजना को लेकर खराब प्रदर्शन के मामले में स्वास्थ्य मुख्यालय ने सीएस को शोकॉज किया था. इसके बाद योजना की मॉनीटरिंग के लिए नियुक्त नोडल पदाधिकारी को हटाया गया था.
योजना को लेकर 58 चिकित्सकों की है नियुक्ति :
मरीजों को इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के तहत चिकित्सीय परामर्श देने के लिए 58 चिकित्सकों की नियुक्ति की गयी है. हर दिन एक चिकित्सक को औसतन 10 मरीजों को टेली कंसल्टेशन (वीडियो कांफ्रेंसिंग) के जरिए चिकित्सीय परामर्श देना अनिवार्य है.चिकित्सकों के ऑफलाइन होने के कारण सेवा से वंचित हो रहे मरीज :
इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के तहत जिले के खराब प्रदर्शन का कारण चिकित्सकों के ऑफलाइन रहना है. इस वजह से मरीजों को चिकित्सीय परामर्श नहीं मिल पा रहा है.जानिए, क्या है इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा :
इ-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के माध्यम से लोगों को नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ऑनलाइन ओपीडी डॉक्टर परामर्श दिया जाता है. उपस्थित सीएचओ की ओर से रजिस्टर्ड चिकित्सकों से बात करा कर मरीज का इलाज किया जाता है. इसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य के तहत संचालित किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है