धनबाद, आकांक्षा : झारखंड के धनबाद जिला के कतरास के रहने वाली सरस्वती विद्या मंदिर सिनीडीह की नौवीं की छात्रा रूबी मुखर्जी ने इसरो के एनआरएससी सेंटर हैदराबाद में झारखंड की ओर 13 दिनों के प्रशिक्षण के बाद कतरास लौटी. व पूरे राज्य से दस बच्चों का चयन किया गया था जिसके 3 लड़किया व सात लड़के थे. जिन्हे हैदराबाद के एनआरएससी इसरो सेंटर में 13 दिन की ट्रेनिंग का मौका मिला. जो की 13 मई से 24 मई तक चली.
रूबी के लौटने पर स्कूल ने किया स्वागत
हैदराबाद के इसरो सेंटर से 13 दिनों की ट्रेनिंग पूरी कर लौटने के बाद स्कूल में स्वागत हुआ. रूबी मुखर्जी वापस लौटी तो उनके स्कूल सरस्वती विद्ंया मंदिर में उनका स्वागत किया गया. रूबी के इस उपलब्धि से विद्यालय परिवार काफी खूश है.
मीडिया से बातचीत कर बताया अपना अनुभव
प्रशिक्षण लेकर जब रूबी वापस लौटी तो रूबी ने अपना अनुभव बताया कि हैदराबाद के इसरो एनआरएससी सेन्टर में बाल वैज्ञानिक की ओर से उन्हें प्रशिक्षण में अंतरिक्ष से संबंधित जानकारियां दी गई. इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि एनटीना से किस तरह डेटा दिया जाता है. सेटेलाईट द्वारा विभिन्न तरह की प्राकृतिक आपदाओं से कैसे जानकारी प्राप्त होती है. यह जानकारी एनआरएससी के मुख्य कैंपस में दी गई. इसके अलावे प्रशिक्षण लेने गये बाल वैज्ञानिकों को रामोजी फिल्म सिटी, स्टेच्यू आफ इक्वेलिटी आदि जगहों का यात्रा करायी गयी .
ISRO चेयरमैन ने खुद बाल वैज्ञानिकों से की बात
रूबी ने बताया कि इसरो के चेयरमैन सोमनाथ ने खुद विडियो काॅफ्रेंसिग कर बाल वैज्ञानिकों से अपना अनुभव साझा करते हुए अंतरिक्ष के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. रूबी ने कहा की उनकी कामयाबी का श्रेय उनके सारे शिक्षको व उनके परिजनों को जाता है जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित किया.
रूबी ने इसरो सेंटर में प्राप्त किया तीसरा स्थान
रूबी मुखर्जी ने हैदराबाद के एनआरएससी सेंटर में कुल 43 विद्यार्थियों के साथ ट्रेनिंग ली. इस दौरान रूबी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया और उन्हें मेडल के साथ सर्टिफिकिट से सम्मानित किया गया. रूबी ने बताया कि प्रशिक्षण में पृथ्वी तथा अंतरिक्ष के बारे में बताया गया जिसके बारे में आम लोगों को इसकी जानकारी नहीं है. वैज्ञानिक द्वारा ऐसे सेटेलाईट बनाए गए हैं जिससे अन्य जानकारी प्राप्त हो सके. वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की जानकारी क्यो जरूरी है इस पर जानकारी दी.
बेटी की उपलब्धि पर माता-पिता खुश
रूबी की माता ने बताया की उन्हें बहुत ही खुशी है की उनकी बेटी ने अपने राज्य झारखंड को रिप्रेजेंट किया व उन्होंने कहा की इसका श्रेय स्कूल के शिक्षकों व उनकी बेटी को जाता है क्योंकि वह बहुत मेहनत करती है. वहीं रूबी के पिता ने एक संदेश सारे परिजनों व विद्यार्थियों को देते हुए कहा की की अगर सब कोई इतनी मेहनत करे तो अपनी प्रतिभा और मेहनत के आधार पर वो भी आगे जा सकते हैं. मेहनत ही कामयाबी का एक रास्ता है और प्रेरणा देना शिक्षक का काम है.
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