JMM Foundation Day 2025: धनबाद, नीरज अंबष्ट-झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) चार फरवरी को गोल्फ मैदान में अपना 53वां स्थापना दिवस मनाएगा. झारखंड के सीएम एवं पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन समारोह में शिरकत करेंगे. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. बंपर बहुमत के साथ राज्य की सत्ता बरकरार रखने में सफल झामुमो नेताओं, कार्यकर्ता पूरे जोश में है. पार्टी यहां पूरी तैयारी के साथ राज्य की राजनीति में नया संदेश देने की तैयारी में है. शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो और एके राय की तिकड़ी ने चार फरवरी 1972 को धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में पार्टी की स्थापना की थी.
1990 के बाद बढ़ी झामुमो की राजनीतिक ताकत
झामुमो की स्थापना चार फरवरी 1972 को धनबाद के गोल्फ मैदान में हुई थी. जमींदारों और सूदखोरों के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले शिवलाल मांझी (अब शिबू सोरेन) आदिवासी समाज के बीच अपनी अलग पैठ बना चुके थे. बिनोद बिहारी महतो शिवाजी समाज के नाम से कुड़मी जाति के बीच जागरूकता अभियान चला रहे थे. कोलियरी क्षेत्र में वाम नेता एके राय मजदूरों के बीच लोकप्रिय थे. अलग झारखंड राज्य की लड़ाई को धारदार बनाने के लिए शिबू सोरेन, बिनोद बिहारी महतो और एके राय एक मंच पर आए. तीनों ने मिल कर झामुमो की स्थापना की. अलग राज्य की लड़ाई को धार देने में कामयाब हुए. बाद में एके राय ने अलग होकर मासस का गठन किया. 53 वर्षों के सफर में झामुमो ने कई उतार-चढ़ाव देखे. पार्टी का राज्य के कई हिस्सों में विस्तार हुआ. 1990 के बाद झामुमो की राजनीतिक ताकत बढ़ी.
कोरोना काल को छोड़ हमेशा होती है सभा
धनबाद के गोल्फ मैदान में झामुमो हर वर्ष चार फरवरी को स्थापना दिवस समारोह मनाता रहा है. सिर्फ कोरोना काल में दो वर्ष यहां पर गोल्फ मैदान में कार्यक्रम नहीं हुआ. विभिन्न क्षेत्रों से समर्थक जुलूस की शक्त में कार्यक्रम स्थल पर आते रहे हैं.
हर वर्ग की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी
झामुमो इस बार स्थापना दिवस पूरे जोश के साथ मना रहा है. धनबाद के साथ-साथ बोकारो एवं आस-पास के स्थानों से भी झामुमो समर्थकों के यहां जुटाने की तैयारी है. नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में झामुमो नीत महागठबंधन ने बंपर बहुमत के साथ सत्ता बरकरार रखने में सफल रही. झामुमो के स्थानीय नेता, कार्यकर्ता शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में है. पूरे शहर को होर्डिंग-बैनर से पाट दिया गया है.
झारखंड निर्माण में पार्टी की रही है अहम भूमिका : युद्धेश्वर सिंह
झामुमो के संस्थापकों में से एक एवं झारखंड आंदोलनकारी युद्धेश्वर सिंह आज भी राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि वे शुरू से ही लोगों को हक-अधिकार दिलाने के लिए आंदोलनरत रहे हैं. झारखंड के पुरोधा विनोद बिहारी महतो, झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, सरकार मुर्मू, टेकलाल महतो के साथ आंदोलन में शामिल रहे हैं. अलग झारखंड राज्य निर्माण में झामुमो की अहम भूमिका रही है.
शोषण मुक्त झारखंड के लिए सरकार से काफी उम्मीदें : शंकर महतो
झामुमो के संस्थापक कार्यालय सचिव राजगंज निवासी शंकर किशोर महतो ने कहा कि झामुमो ने संघर्ष के बल पर अपनी एक अलग पहचान बनायी. अलग राज्य गठन के बाद झामुमो की सरकार बनी है, तो विकास की उम्मीद लोगों में है. वह कहते हैं कि शोषण मुक्त झारखंड के सपने को पूरा करने के लिए और बहुत कुछ करना होगा. सीएनटी-एसपीटी एक्ट को और मजबूत बना कर यहां के शहीदों के सपनों का झारखंड बनाना होगा. यहां की भाषा-संस्कृति को बचाये रखने के लिए योजना बनानी होगी. जिन आंदोलनकारियों के बल से शोषण मुक्ति की लड़ाई हुई, उन आंदोलनकारियों को उचित सम्मान मिले.