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फाइनेंस कंपनी का रिकवरी एजेंट बन अपराधियों ने किया था पिता-पुत्र का अपहरण, दोस्त था साजिशकर्ता

कोयला व्यवसायी और उसके बेटे का अपहरण मामला : घर जाने के लिए अपराधियों ने रंजीत को 500 और अपना चप्पल भी दिया

फाइनेंस कंपनी का रिकवरी एजेंट बनकर अपराधियों ने रंजीत शर्मा व उनके चार साल के बेटे ऋषभ शर्मा का अपहरण शनिवार को किया था. शाम में महुदा मोड़ के पास छोड़ दिया. इस मामले में पुलिस ने रंजीत की पत्नी के आवेदन पर दो-तीन अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिक की दर्ज की है. पुलिस ने मामले में पिंटू व उसके सहयोगी संतोष प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया है. डीएसपी शंकर कामती ने बताया कि कोयला कारोबारी के दोस्त ने ही अपहरण की साजिश रची थी. उसका पता लगाया जा रहा है. बताया जाता है कि कुरची मोड़ पर अपराधियों ने रंजीत को रोककर कहा था कि उसकी बाइक की किस्त फेल है. इस पर उन्होंने कहा कि बाइक नकद खरीदी है, तो अपराधियों ने सबसे पहले ऋषभ को कब्जे में लेकर अपने वाहन में फेंक दिया. पुत्र को अपराधियों के कब्जे में देखकर वह ज्यादा विरोध नहीं कर सके. इसके बाद रिवाल्वर की नोक अपराधियों ने कोयला व्यवसायी को भी कब्जे में ले लिया. अपराधियों के चंगुल से मुक्त होने के बाद रविवार को रंजीत शर्मा ने बताया कि अपराधियों ने उनके साथ काफी मारपीट की. कपड़े फाड़ दिये. मोबाइल, घड़ी, चेन व पैसे लूट लिये. अपराधी कभी उसके बेटे को गोली मारने की धमकी देते थे, तो कभी उसे. कुरची मोड़ पर अपहरण करने के बाद अपराधियों ने उसकी आंख पर एक पट्टा बांध दिया था. इस कारण वह अपराधियों को नहीं देख सके थे. अपराधी उन्हें एक कमरे में बंद कर भी मारपीट की. घर व दोस्तों को फोन करवा कर पांच करोड़ की फिरौती मांगी. अपराधियों को उन्होंने बताया कि उनकी हैसियत एक करोड़ देने की नहीं है, तो वे एक करोड़ मांगने लगे. घर के लोगों व दोस्तों ने जब फिरौती का विरोध किया, कहा कि किसी भी हाल में वे लोग फिरौती की रकम जुगाड़ नहीं कर पायेंगे, तब उसे मारपीट कर महुदा के एक जंगल में आंख पर पट्टी बांधकर छोड़ दिया था. जाते-जाते अपराधियों ने घर आने के लिए पांच सौ रुपये व व अपना चप्पल भी दिया था. इसके बाद वह ऑटो पड़कर धनबाद स्टेशन पहुंचे.

अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी जारी

पुलिस ने बताया कि इस पूरे घटना का मास्टर माइंड पिंटू है. और उसने ही पूरी साजिश की और एक टीम बनाकर घटना को अंजाम दिया. उसके साथ संतोष और अन्य साथी भी मौजूद थे. घटना के कुछ घंटे के भीतर ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था. वहीं संतोष की गिरफ्तारी की सूचना उसकी पत्नी को लग चुकी थी. उसने संतोष के अन्य साथियों को फोन कर बतायी कि उसके पति को गोविंदपुर पुलिस ने पकड़ लिया है. वह उसकी पैरवी करें, तब तक संतोष की पत्नी को जानकारी नहीं था कि उसका पति किस आरोप में पकड़ा गया है. इसके बाद संतोष के साथी धनबाद से फरार हो गये.

मोबाइल से पैसे नहीं ट्रांसफर कर पाये अपराधी :

पुलिस ने बताया कि अपराधियों ने रंजीत के साथ मारपीट कर उसका मोबाइल ले लिया उसके साथ मारपीट की और उसका मोबाइल ले लिया. रंजीत से लॉक का पैटर्न लेकर अपराधियों ने मोबाइल खोलकर पैसे ट्रांसफर करने का प्रयास किया. लेकिन वे पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाये. इसके बाद अपराधी मोबाइल को लेकर किसी एक्सपर्ट के पास जा रहे थे, लेकिन फिर भी पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाये.

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