धनबाद मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर टुंडी के लुकैया जंगल को जैवविविधता विरासत स्थल में शामिल किया जायेगा. इसे लेकर झारखंड जैव विविधता बोर्ड (जेबीबी) ने जैव विविधता प्रबंधन समिति के सदस्यों के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है. जैव विविधता को संरक्षित करने व ग्रामीणों को वन उपज के माध्यम से आजीविका उपलब्ध कराने के लिए बोर्ड द्वारा जिला सहित पूरे राज्य से करीब 100 विरासत स्थलों के तौर पर चयन करना है. इनमें पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला, रांची, हजारीबाग, धनबाद, गिरिडीह और अन्य में 65 स्थल भी शामिल हैं. बोर्ड के सदस्य सचिव सह अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने सभी जिलों को दिसंबर के अंत तक शेष 35 स्थानों का चयन करने को कहा है.
कभी माओवादियों के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है जंगल :
टुंडी के लुकैया जंगल का चयन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कभी इसे प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों के लिए सुरक्षित स्थल माना जाता था. टुंडी नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. हालांकि 2005 के बाद स्थिति बदली. धनबाद के डीएफओ संजीव कुमार ने ””””””””पेड़ पर राखी बांधने”””””””” के अभियान की शुरुआत की. इसमें वनवासी ग्रामीण भी हैं. अब जंगल ग्रामीणों के लिए आजीविका का साधन बन गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है