धनबाद.
संत एंथोनी चर्च में रविवार को पहला परम प्रसाद ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. इसमें बड़ी संख्या में ईसाई धर्मावलंबी उपस्थित थे. परम प्रसाद ग्रहण संस्कार ईसाई धर्मावलंबियों के सात महानतम संस्कारों में से एक है. 10 बच्चे व बच्चियों ने सफेद वस्त्र पहन हाथों में जलती मोमबत्ती लेकर यह संस्कार ग्रहण किया. परम प्रसाद ग्रहण करने के बाद फादर अमातुस कुजूर ने उन्हें प्रमाण पत्र दिया. परमप्रसाद ग्रहण करने के लिए बच्चे वर्षों से धर्म पर आधारित शिक्षा ग्रहण करते हैं. धर्म शिक्षा देने में मिशनरीज ऑफ चैरिटी की सिस्टर अनूपा, सिस्टर बारटीला, सिस्टर नोवेलेस का काफी योगदान रहा है. इन्होंने ग्रहण किया परम प्रसाद : एरिक जॉन सोरेन, साइमन पैट्रिक बिल, जैस्मिन भेंगरा, आल्विन राव, एल्विन केरकेट्टा, हर्षित मिंज, रीना हेंब्रम, अलीशा केरकेट्टा, हर्षित मुर्मू एवं जोसेफ स्टेनली.इन्होंने किया नेतृत्व :
इंदू केरकेट्टा,अरुणा टोप्पो, अल्बीना केरकेट्टा, किरण बाखला, एडविना किंडो, सरोज पन्ना, रजनी बारला, नीतू प्रसाद, नीलू एक्का, एस्थर किंडो, इसाबेला टोपनो के नेतृत्व में महिला समिति द्वारा प्रवेश नृत्य करते हुए बच्चों को बेदी तक ले जाया गया. उसके बाद प्रार्थना समारोह शुरू हुआ. इस दौरान चर्च के काॅयर दल के सदस्य शांति सोए, खुशबू सुरीन, रिशु सुरीन, राखी सुरीन, जेनू बारला, आदित्य टोप्पो, इतवा टूटी आदि ने पारंपरिक गीत गाये. समारोह के दौरान पहला परमप्रसाद ग्रहण कर रहे बच्चों ने पवित्र बाइबल को बाइबल जुलूस के रूप में वेदी तक ससम्मान लाया तथा बाइबल पाठ किया गया. इसके बाद फादर अमातुस कुजूर ने अपने उपदेश में कहा कि जिस प्रकार भूख लगने पर हम भोजन करते हैं और शारीरिक रूप से तृप्त हो जाते हैं. उसी प्रकार आत्मिक रूप से तृप्त होने के लिए हमें आत्मिक भोजन की आवश्यकता होती है. उपदेश के बाद सपना, मुर्मू एलिना जॉस्फिन एक्का, सौम्या मुर्मू एवं दिव्या ने चढ़ावा नृत्य प्रस्तुत किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है