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2009 में भतीजा नीरज सिंह को किया था राजनीति में लांच

पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने वर्ष 2009 में अपने को दलगत राजनीति से एक तरह से अलग कर लिया था

पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने वर्ष 2009 में अपने को दलगत राजनीति से एक तरह से अलग कर लिया था. 2009 विधानसभा चुनाव से पहले श्री सिंह भाजपा में शामिल हुए थे. उस वक्त धनबाद विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट के दावेदार थे. लेकिन, पार्टी ने यहां राज सिन्हा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया. नाराज बच्चा सिंह ने अपने भतीजा नीरज सिंह को विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार दिया. नीरज सिंह ने 18 हजार से अधिक मत ला कर सबको चौंका दिया. इसके तुरंत बाद नीरज सिंह डिप्टी मेयर का चुनाव लड़े. नीरज सिंह के राजनीति में सक्रिय होने के बाद बच्चा सिंह ने खुद को पूरी तरह मजदूर राजनीति में सक्रिय कर लिया. नीरज सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह राजनीति में आयीं. झरिया की विधायक बनीं.

अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ संभाले थे मोर्चा :

दलगत राजनीति से अलग होने के बाद पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने वर्ष 2011 में अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ धनबाद में हुए बड़े जनांदोलन का मोर्चा संभाले हुए थे. मटकुरिया गोलीकांड के बाद जब धनबाद में कर्फ्यू लगा था. तब पूर्व मंत्री बच्चा सिंह के खिलाफ भी मुकदमा हुआ था. गिरफ्तार हो कर जेल गये थे. अब भी इस मामले में कोर्ट में मुकदमा चल रहा है.

रांची जाने के क्रम में घाटी से वापस लौटीं विधायक पूर्णिमा :

झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह सोमवार को विधानसभा सत्र में भाग लेने के लिए रांची जा रही थी. पिठौरिया घाटी के पास सूचना मिली कि पूर्व मंत्री की तबीयत ज्यादा बिगड़ गयी है. वहीं से विधायक वापस धनबाद लौट गयीं. सीधे अस्पताल पहुंचीं.

ह्रदय गति रुकने से हुई पूर्व मंत्री की मौत :

पूर्व मंत्री बच्चा सिंह की मौत ह्रदय गति रुकने से हुई. एसजेएएस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि चार दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. जब आये उनकी स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. इस कारण पांच डॉक्टरों की टीम गठित की गयी, जो लगातार 24 घंटे तक उनका इलाज कर रही थी. स्थिति में सुधार भी था, लेकिन कई ऑर्गन डैमेज हो चुके थे और अंत में ह्रदय गति रुकने से उनकी मौत हुई.

अब हम किसके भरोसे रहेंगे हैं भगवान:

पूर्व मंत्री बच्चा सिंह का जब शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, तब महिलाओं के क्रंदन से पूरा माहौल गमगीन हो गया. उनकी पत्नी शिव कुमारी देवी विलाप कर रही थीं. कह रही थीं हे भगवान अब हम किसके भरोसे रहेंगे. झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह सहित अन्य महिला सदस्य उन्हें संभालने की कोशिश कर रही थीं.

डीएसपी ने झरिया विधायक को सौंपा राष्ट्रीय ध्वज :

पूर्व मंत्री के निधन पर राजकीय सम्मान दिया गया. डीएसपी मुख्यालय शंकर कामती ने शोक सलामी के बाद पूर्व मंत्री के पार्थिव शरीर पर डाले गये राष्ट्रध्वज उनकी बहू सह झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह को सौंप दिया. विधायक ने यह ध्वज पूर्व मंत्री की पत्नी को सौंपा. इस दौरान सभी की आंखें डबडबा गयी.

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