प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों का एक रुपये में अपनी एक हेक्टेयर जमीन पर लगी रबी फसल का बीमा कृषि विभाग को करवाना था. इसके लिए विभाग द्वारा 55 हजार किसानों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. जिसके लिए विभाग ने एक दिसंबर से 15 जनवरी तक का समय निर्धारित किया था. मगर विभाग द्वारा सिर्फ 6492 किसानों के फसल का बीमा ही किया जा सका. योजना के तहत गेहूं, चना, आलू और सरसों की फसल की बीमा करनी थी. बीमा कराने में धनबाद के किसान दूसरे जिलों के मुकाबले काफी पीछे रहा. योजना का उदेश्य किसानों को किसी प्राकृतिक आपदा के दौरान होनेवाले नुकसान से राहत देने के लिए फसलों का बीमा किया जा रहा था. इसके तहत किसानों को मात्र एक रुपये देकर अपनी फसलों का बीमा कराने की सुविधा दी गई थी. प्रज्ञा केंद्र या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से किसान योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन दे सकते थे. बजाज एलियांज कंपनी को फसल बीमा करने का काम सौंपा गया था.
जिले में 10 हजार हेक्टेयर जमीन पर होती है खेती :
धनबाद में 10 हजार हेक्टेयर जमीन पर रबी फसलों की खेती होती है. सिंचाई की सुविधा नहीं रहने की वजह से किसान चाहकर भी खेती नहीं कर पाते हैं. धनबाद में वर्षा आधारित खेती की जाती है, जबकि रबी फसलों के लिए सिंचाई की जरूरत होती है. सिंचाई के अभाव में धनबाद में रबी फसलों की खेती नहीं हो पाती है.4570 हेक्टेयर जमीन का हो पाया बीमा :
कृषि विभाग ने बजाज एलियांज कंपनी को फसल बीमा करने का काम सौंपा गया था. इसी के तहत कंपनी ने 10 हजार हेक्टेयर के जगह मात्र 4570 हेक्टेयर जमीन पर लगे फसल का ही बीमा कर पाई. कंपनी 50 प्रतिशत लक्ष्य भी पूरा नहीं कर पायी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है