पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर झारखंड दौरे पर आ रहे हैं. धनबाद जिले के सिंदरी में स्थित हर्ल कारखाना का उद्घाटन करेंगे. जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है. सिंदरी को सुंदरी बनाने के लिए पीएम मोदी ने 25 मई 2018 को बलियापुर हवाई अड्डा से हर्ल (हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड) का शिलान्यास किया था. यह एक मिश्रित ज्वाइंट वेंचर कंपनी है. इसमें एनटीपीसी, सीआइएल, आइओसीएल, एफसीआइएल और एचएफसीएल शामिल हैं. इसमें यूरिया व अमोनिया का निर्माण होता है.
इससे पहले देश का पहला खाद कारखाना एफसीआइएल सिंदरी का विधिवत उद्घाटन करने के लिए दो मार्च 1952 को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू सिंदरी आये थे. जहां उन्होंने एफसीआइएल खाद कारखना को देश को समर्पित किया था.
इसके बाद सिंदरी शहर का विकास हुआ, जिसके कारण सिंदरी को सुंदरी कहा जाने लगा. पंडित नेहरू को सड़क मार्ग द्वारा सिंदरी एफसीआइएल प्लांट में लाया गया था. लेकिन, 1992 में एफसीआइएल को घाटे में दिखाते हुए 31 दिसंबर 2002 को उसे बंद कर दिया गया. उसके बाद सिंदरी शहर धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गया था.
2 मार्च को बरौनी इकाई का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी
हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (हर्ल) अगले तीन महीनों के भीतर 200 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से सिंदरी में एक नया नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित करने के लिए तैयार है. इसकी जानकारी हर्ल एमडी शिव प्रसाद मोहंती ने हर्ल स्पंदन क्लब में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी. बताया कि भारत सरकार ने सभी यूरिया उत्पादक उर्वरक संयंत्रों को अगले चार वर्षों के भीतर नीम लेपित यूरिया से सल्फर लेपित गोल्ड भारत यूरिया का उत्पादन शुरू करने का निर्देश दिया है.
हर्ल अगले छह महीने में गोल्ड यूरिया संयंत्र स्थापित करने पर विचार कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक मार्च को सिंदरी में नवनिर्मित हर्ल इकाई का उद्घाटन करने के लिए हर्ल प्रोजेक्ट पूरी तरह तैयार है. प्रधानमंत्री दो मार्च को बरौनी में आइओसीएल की कुछ अन्य परियोजनाओं के साथ ही साथ हर्ल की बरौनी इकाई का भी उद्घाटन करेंगे. उन्होंने कहा कि नैनो-यूरिया किसानों को रासायनिक उर्वरकों से प्राकृतिक उर्वरकों की ओर बढ़ने का मौका देगा. इससे कृषि भूमि को नुकसान नहीं होगा.
गोल्ड भारत यूरिया किसानों को उसी खाद में नाइट्रोजन और सल्फर की मात्रा प्रदान करेगा. उन्होंने बताया कि हम गोल्ड यूरिया प्लांट स्थापित करने के लिए तकनीक प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं. इन उत्पादों का उद्देश्य कृषि उपज को कई गुना बढ़ाना है. इसके लिए सिंदरी में 60 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए अध्ययन शुरू हो चुका है. एमडी ने बताया कि 8939 करोड़ रुपये की लागत से भारत की एलएंडटी और फ्रांस की टेक्नीप कंपनी द्वारा स्थापित हर्ल की सिंदरी, बरौनी और गोरखपुर इकाइयों से आगे हर्ल की सबसे अधिक ऊर्जा कुशल इकाई है.
यह अपनी स्थापित क्षमता के शत प्रतिशत पर चल रही है. हर्ल सिंदरी संयंत्र ने अब तक 10 लाख 08 हजार मैट्रिक टन नीम लेपित यूरिया का उत्पादन किया है और 12 लाख 70 हजार टन प्रति वर्ष यूरिया की स्थापित क्षमता के मुकाबले 11 लाख 50 हजार टन यूरिया का वार्षिक उत्पादन दर्ज करने की उम्मीद है. बताया कि सिंदरी इकाई ने बिहार और झारखंड के साथ-साथ पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों को भी यूरिया की आपूर्ति की है.
तीन महारत्न कंपनियों आइओसीएल, एनटीपीसी और कोल इंडिया लिमिटेड तथा एफसीआइएल और एचएफसीएल की संयुक्त समूह हर्ल की तीनों इकाइयों ने अब तक 1000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है. मार्च के अंत तक सभी तीन इकाइयों का संचित शुद्ध लाभ 1500 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. कहा कि वर्तमान सरकार 2025 तक देश को यूरिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की योजना पर काम कर रही है. कहा कि हर्ल सिंदरी प्लांट के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से सीएसआर फंड से विकास करेगी.
वर्तमान में आसपास के दस सरकारी स्कूलों का जिर्णोद्धार और आधुनिक व्यवस्था के साथ विकास की बात कही. विदित हो कि 25 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बलियापुर के हवाई पट्टी से हर्ल का शिलान्यास किए थे जिस समय हर्ल की कुल लागत छ हजार पाँच सौ करोड़ की लागत थी दो वर्ष कारोना महामारी के कारण हर्ल प्रोजेक्ट की कुल लागत 8939 करोड़ की हो गई. इस प्रेसवार्ता में हर्ल एमडी शिब प्रसाद मोहंती, हर्ल सिंदरी वाइस प्रेसिडेंट सुरेश प्रमाणिक,टेक्निकल वॉइस प्रसिडेंट गौतम मांझी, एच आर हेड सह फैक्ट्री प्रबंधक संत सिंह, एच आर विक्रांत कुमार, एच आर मंशुल जैन उपस्थित थे.