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DHANBAD NEWS : जनता ने धनबाद के चार राजनीतिक घरानों ने नेतृत्व पर जताया भरोसा

धनबाद और टुंडी को छोड़, बाकी विधानसभा सीटों पर रहा घरानों का कब्जा

विधानसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के साथ धनबाद जिला के चार विधानसभा सीटों पर राजनीतिक घरानों से जीत हासिल करने वाले नवनिर्वाचित विधायक चर्चा में हैं. इनमें झरिया की नवनिर्वाचित विधायक रागिनी सिंह, बाघमारा के शत्रुघ्न महतो, निरसा के अरूप चटर्जी और सिंदरी के चंद्रदेव महतो शामिल हैं. इनके परिवारों के अलग-अलग सदस्य अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से 24 बार विधायक निर्वाचित हो चुके हैं.

झरिया में 1777 के बाद से अब तक नौ बार रहा है सूर्यदेव सिंह के परिवार का कब्जा :

धनबाद में राजनीतिक घरानों की जब भी चर्चा होती है, तो सबसे पहला और चर्चित नाम सूर्यदेव सिंह और उनके परिवार का नाम आता है. इस परिवार का झरिया विधानसभा सीट पर 1977 से हुए 12 विधानसभा चुनावों में से नौ बार कब्जा रहा है. नवनिर्वाचित विधायक रागिनी सिंह इस परिवार की पांचवीं सदस्य हैं, जिन्हें झरिया की जनता अपना विधायक चुना है. इससे पहले उनके ससुर सूर्यदेव सिंह, 1977, 1980, 1985, 1990 में यहां जीत हासिल की थी. 1991 में सूर्यदेव सिंह के निधन के बाद हुए उपचुनाव में आबो देवी यहां से विधायक चुनीं गयीं. 1995 में पुन: आबो देवी यहां से निर्वाचित हुईं थीं. लेकिन 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में सूर्यदेव सिंह के अनुज बच्चा सिंह ने झरिया से जीत दर्ज की थी. इसके बाद 2005 और 2009 में सूर्यदेव सिंह की पत्नी कुंती सिंह झरिया की विधायक चुनीं गयीं. 2014 में सूर्यदेव सिंह के पुत्र संजीव सिंह ने यहां जीत दर्ज की. 2019 में सूर्यदेव सिंह के परिवार से अलग होने वाले उनके भतीजे नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा नीरज सिंह ने यहां से विधायक चुनीं गयी थीं. लेकिन 2024 में संजीव सिंह की पत्नी रागिनी सिंह ने पूर्णिमा सिंह को हरा कर विधायक बनीं. 2009 से 2015 के बीच इस परिवार से धनबाद में एक साथ तीन-तीन जनप्रतिनिधि थे. तब सूर्यदेव सिंह के छोटे भाई रामधीर सिंह की पत्नी इंदू सिंह धनबाद की मेयर थीं. वह 2010 से 2015 के बीच धनबाद की मेयर रहीं. वहीं तब नीरज सिंह धनबाद के डिप्टी मेयर थे.

बाघमारा में तीन बार विधायक व एक बार सांसद बने ढुलू महतो :

धनबाद के राजनीतिक राजनीतिक घरानों में अभी सबसे अधिक प्रभावशाली धनबाद सांसद ढुलू महतो का घराना है. वह 2009, 2014 और 2019 में बाघमारा से विधायक चुने गये थे. मई 2024 में ढुलू महतो धनबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीत कर सांसद बन गये. उनके बाद 2024 के इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उनके ही बड़े भाई शत्रुघ्न महतो को अपना प्रत्याशी बनाया. शत्रुध्नन ने सिर्फ भाजपा के लिए जीत हासिल की, बल्कि बाघमारा सीट पर अपने परिवार की विधायकी को बरकरार रखने में सफल रहे.

निरसा में गुरदास चटर्जी के पुत्र अरूप चटर्जी चौथी बार विधायक बने :

धनबाद के निरसा विधान सभा सीट पर 1995 से अब- तक हुए आठ विधान सभा चुनावों में छह बार एक परिवार का कब्जा रहा है. यहां से नवनिर्वाचित विधायक अरूप चटर्जी 2024 में चौथी बार यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं. इससे पहले वह 2001 में हुए उपचुनाव, 2005 और 2014 में विधायक निर्वाचित हुए थे. उनसे पहले उनके पिता गुरदास चटर्जी निरसा से 1995 और 2000 में विधायक चुने गये थे.

सिंदरी में आनंद महतो के परिवार में 24 साल बाद लौटी विधायकी :

धनबाद के सिंदरी विधानसभा सीट पर 24 वर्षों के बाद पूर्व विधायक आनंद महतो के परिवार में विधायकी वापस लौटी है. उनके पुत्र चंद्रदेव महतो उर्फ बबलू महतो महतो ने भाजपा प्रत्याशी तारा देवी को हरा कर अपने परिवार के लिए विधायकी वापस हासिल की है. आनंद महतो सिंदरी से 1977, 1980, 1990 और 1995 में विधायक चुने गये थे. इसके बाद 2019 तक हुए सभी विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2024 के इस विधानसभा चुनाव उनके स्थान पर उनके पुत्र ने यहां से चुनाव लड़ा और अपने पहले प्रयास में परिवार के लिए विधायकी वापस ला दी.

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