झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव के करीबी रंजय सिंह उर्फ रवि रंजन सिंह की हत्या मामले की सुनवाई गुरुवार को जिला व सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी की अदालत में हुई. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख तीन दिसंबर 2024 निर्धारित कर दी. सुनवाई के दौरान जेल में बंद आरा बेरथ निवासी नंदकुमार कुमार सिंह उर्फ बबलू उर्फ रूना सिंह उर्फ मामा को रांची के होटवार जेल से वीसीएस द्वारा पेश किया गया. वहीं जमानत पर मुक्त हर्ष सिंह आज हाजिर नहीं थे. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता आयुष श्रीवास्तव ने पैरवी की.
हरिजन उत्पीड़न मामले में पति को नहीं मिली जमानत :
अंतरजातीय विवाह के बाद पांच लाख रुपये दहेज की मांग को लेकर पत्नी ललिता को जाति सूचक शब्द कह कर अपमानित व प्रताड़ित करने के मामले में जेल में बंद पश्चिम वर्दमान जिले के न्यू जामसोल ब्रह्मपुरा निवासी शोभिक भट्टाचार्य की नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई जिला व सत्र न्यायाधीश प्रथम रजनीकांत पाठक की अदालत में हुई. बचाव पक्ष के अधिवक्ता सत्यप्रकाश पांडेय ने बहस की. वहीं एससी एसटी के विशेष लोक अभियोजक जयदेव बनर्जी ने जमानत का कड़ा विरोध किया. अदालत ने उभय पक्षों की दलील सुनने के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी. इस मामले में आरोपी 21 अक्टूबर 2024 से जेल में बंद हैं. शोभिक ने 25 मार्च 2018 को ललिता जो अनुसूचित जाति की है, के साथ अंतर जातीय विवाह रचाया. शादी के बाद उसकी पत्नी ने एक पुत्री को जन्म दिया. उसके बाद उसके ससुराल वाले ने पांच लाख रुपए दहेज की मांग करने लगे. इसका वह विरोध की, तो उसे जाति सूचक शब्द का प्रयोग कर अपमानित किया गया. इस संबंध में सूचक ललिता कुमारी ने 24 फरवरी 2021 को चिरकुंडा थाना के गलफरबाड़ी ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी.लीगल सर्विस यूनिट फार चिल्ड्रेन कार्यशाला का समापन :
बच्चों को विशेष तौर पर कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के सर्वोच्च न्यायालय (नालसा) के निर्देश के आलोक में धनबाद में बच्चों के लिए फ्री लीगल सर्विस यूनिट के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का समापन गुरुवार को हुआ. इसके पूर्व कार्यशाला में डीसीपीओ धनबाद साधना कुमारी ने बच्चों से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी. वहीं एलएडीसीएस चीफ कुमार विमलेंदु ने किशोर न्याय अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी. इस मौके पर अवर न्यायाधीश सह सचिव डालसा राकेश रोशन ने बताया कि डालसा ने वात्सल्य योजना के तहत 13 बच्चों को जो नशे के शिकार हो गये थे, उन्हें मुख्य धारा में लाने का काम किया है. आज वह अच्छे से रह रहे हैं और पढ़ाई-लिखाई कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह कमेटी देखभाल व संरक्षण योग्य बालकों और विधि का उल्लंघन करने वाले बालकों के संरक्षण और पुनर्वास से संबंधित मामलों में सहायक के तौर पर कार्य करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है