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Dhanbad News : एसएनएमएमसीएच समेत सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रोटा वायरस वैक्सीन की कमी

विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र में संचालित वैक्सीनेशन केंद्र में बच्चों को नहीं मिल रहा वैक्सीन

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) समेत जिला अस्पताल व विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में बने वैक्सीनेशन केंद्र में रोटा वायरस वैक्सीन की कमी हो गयी है. कई केंद्रों में वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्चे वैक्सीनेशन से वंचित हो रहे हैं. यह वैक्सीन नवजात बच्चों में कोल्ड डायरिया रोकने के लिए दी जाती है. नवजात को पहली खुराक 15 सप्ताह की उम्र से पहले देने का नियम है. जिला आरसीएच पदाधिकारी डॉ रोहित गौतम ने बताया कि मुख्यालय से वैक्सीन की सप्लाई होती है. गत कुछ माह से सीमित संख्या में वैक्सीन पहुंच रही है. यही वजह है कि स्वास्थ्य केंद्रों में समय पर वैक्सीन मुहैया नहीं हो पा रही है. बताया कि दो दिन पूर्व मुख्यालय से रोटा वायरस की तीन हजार वैक्सीन की स्टॉक भेजी गयी है. इसे विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित कर दिया गया है.

बच्चों को दी जाती है रोटावायरस वैक्सीन की तीन खुराक :

शिशुओं को दो से तीन माह की उम्र में रोटा वायरस वैक्सीन की पहली खुराक दी जाती है. दूसरी खुराक चार से आठ सप्ताह के अंतराल पर दी जाती है. वहीं तीसरी और अंतिम खुराक चार से आठ माह के अंतराल पर दी जाती है.

दस्त और डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए कारगर है वैक्सीन :

रोटा वायरस वैक्सीन गंभीर दस्त और डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए दी जाती है. यह वैक्सीन शिशुओं और बच्चों को दी जाती है जो रोटा वायरस से संक्रमित होने के उच्च जोखिम में होते है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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