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SNMMCH Dhanbad: सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की बिल्डिंग तैयार, धूल फांक रही लाखों की विदेशी माइक्रोसर्जरी मशीन

SNMMCH Dhanbad: धनबाद के शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में सुपर स्पेशियलिटी शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. अब उपकरणों के रख-रखाव में काफी लापरवाही बरती जा रही है. सुपर स्पेशियलिटी में विदेश से पहुंची लाखों की माइक्रोसर्जरी मशीन कबाड़ में तब्दील हो गयी है.

SNMMCH Dhanbad: धनबाद, विक्की प्रसाद-शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) परिसर में बने सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के शुरू होने का इंतजार धनबाद के लोग बेसब्री से कर रहे हैं. 167 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल की पूरी बिल्डिंग बनकर तैयार है. इसमें करोड़ों रुपये की अत्याधुनिक मशीनें भी पहुंच चुकी हैं, लेकिन मशीनों के रखरखाव में भारी लापरवाही बरती जा रही है. लाखों की लागत से अस्पताल के लिए पहुंची माइक्रोसर्जरी मशीन बिल्डिंग के बाहर पड़े-पड़े कबाड़ में तब्दील होती जा रही है. लगभग तीन माह पहले विदेश से ज़ीस पेन्टेरो कंपनी की अत्याधुनिक माइक्रोसर्जरी मशीन सुपर स्पेशियलिटी पहुंची है. तब से अबतक उक्त मशीन सुपर स्पेशियलिटी के बाहर खुले में पड़ी हुई है. बरसात के पानी से मशीन के कई पुर्जों में जंग लग चुकी है. लंबे समय से बिल्डिंग के बाहर रखी मशीन में मकड़ों ने अपना जाल बना लिया है. ऐसे में धनबाद के लोगों का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल शुरू होने का सपना साकार होता नहीं दिख रहा है.

स्पाइन एंड न्यूरो व रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी में होता है मशीन का इस्तेमाल

चिकित्सकों के अनुसार माइक्रोसर्जरी मशीन का इस्तेमाल स्पाइन एंड न्यूरो सर्जरी में होता है. इसके अलावा प्लास्टिक एंड रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी में इस मशीन को इस्तेमाल में लाया जाता है. इसमें अपोक्रोमैटिक ऑप्टिक्स की सुविधा है, जो क्रिस्टल-क्लियर इमेज, शार्प डिटेल और प्राकृतिक रंग प्रदान करती है. मशीन में उच्च गति वाला ऑटो फोकस है, जो आवर्धन की परवाह किये बिना स्वचालित रूप से शार्प इमेज प्रदान करता है. इससे सर्जरी के दौरान चिकित्सकों को मदद मिलती है.

वर्तमान में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का हाल

2016 में इसका निर्माण शुरू हुआ था. 2021 में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. तबसे अबतक इस भवन को एसएनएमएमसीएच प्रबंधन हैंडओवर लेने से इनकार कर रहा है. नतीजा रख-रखाव के अभाव में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के विभिन्न वार्डों में धूल की मोटी परत जम गयी है. ओपीडी से लेकर इंडोर के विभिन्न विभागों में मकड़ों के जाले फैल गये हैं. कई हिस्सों में सिपेज आ चुकी है. हालांकि, बिल्डिंग का निर्माण करने वाली कंपनी समय-समय पर इसे दुरुस्त कर रही है.

मशीनों के रखे-रखे खराब होने की आशंका

सुपर स्पेशियलिटी के लिए लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मशीनें मंगवायी गयी हैं. इनमें से कई मशीनों को इंस्टॉल करने का कार्य लगभग दो साल पहले पूरा कर लिया गया है. लंबे समय से पड़े-पड़े इन मशीनों के खराब होने का खतरा बढ़ गया है.

चार बार निकली बहाली, पर नहीं आये चिकित्सक

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के लिए पहले से सरकार ने चिकित्सकों के 94 पद स्वीकृत किया है. अबतक चिकित्सकों की चार बार बहाली निकाली गयी है, लेकिन साक्षात्कार के लिए एक भी डॉक्टर नहीं पहुंचे. सुपर स्पेशियलिटी में एमसीएच और इससे समतुल्य पद के डॉक्टरों की बहाली होनी है. इसके अलावा प्रशिक्षित कर्मचारियों की भी बहाली होनी है. इसके लिए 300 से ज्यादा कर्मचारियों के पद सृजित किया गया है.

एयरपोर्ट नहीं होने की वजह से धनबाद आना नहीं चाहते चिकित्सक

धनबाद में एयरपोर्ट नहीं होना सुपर स्पेशियलिटी के लिए ग्रहण साबित हो रहा है. एयरपोर्ट नहीं होने के कारण ही चिकित्सक धनबाद आना नहीं चाहते हैं. धनबाद के चिकित्सक भी इस बात को मानते हैं.

सुपर स्पेशियलिटी शुरू होता तो मिलता इन सेवाओं का लाभ

अस्पताल की क्षमता 200 बेड की है. इसमें 160 जनरल और 40 आइसीयू बेड लगाये गये हैं.
अस्पताल में आठ माड्यूलर ऑपरेशन थियेटर स्थापित किये गये हैं.
अस्पताल में अलग से रेडियोलाॅजी और पैथोलॉजी की भी तैयारी की गयी है.

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