24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एसएनएमएमसीएच : ओपीडी बंद कराने पर जूनियर चिकित्सकों से उलझे मरीज, हंगामा

रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बन गयी थी 200 मरीजों की पर्ची, इलाज कराने की मांग पर अड़े थे लोग

शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल के पांचवें दिन मंगलवार की सुबह ओपीडी बंद कराने पहुंचे डॉक्टर व मरीज आपस में उलझ गये. सुबह प्रबंधन के निर्देश पर स्वास्थ्य कर्मियों ने ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउंटर खोल दिया था. लगभग एक घंटे काउंटर खुला रहा और लगभग 200 मरीजों की पर्ची बनायी गयी. लगभग साढ़े नौ बजे जूनियर चिकित्सक पहुंचे और रजिस्ट्रेशन काउंटर को बंद करा दिया. साथ ही ओपीडी के कमरों में ताला जड़ दिया. इससे मरीज और उनके साथ पहुंचे लोग आक्रोशित हो गये. सभी जूनियर चिकित्सकों से उलझ गये. चिकित्सकों और मरीजों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. बाद में सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों ने मोर्चा संभाला और मरीजों को ओपीडी बिल्डिंग से बाहर निकाल मुख्य गेट बंद कर दिया.

मिन्नतें करते रहे लोग, नहीं खोला ओपीडी का गेट :

मरीजों और उनके परिजनों को ओपीडी बिल्डिंग से बाहर निकाल गेट बंद करने के बाद लोग अंदर प्रवेश के लिए चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों से मिन्नतें करते रहे. कई परिजन अपने गंभीर मरीज के इलाज के लिए गेट के बाहर से चिल्ला-चिल्ला कर चिकित्सकों से गुहार लगाते रहे. किसी ने उनकी एक न सुनी. थक हार कुछ लोग अपने-अपने घर चल पड़े. वहीं जिन मरीजों की स्थिति ज्यादा खराब थी, वे अस्पताल की इमरजेंसी में इलाज कराने के लिए पहुंचे.

पांचवें दिन भी नहीं हुई सर्जरी, वेटिंग 50 पार :

जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव विभिन्न बिमारियों से ग्रसित मरीजों के ऑपरेशन पर पड़ा. हड़ताल के पहले दिन से ही जूनियर चिकित्सकों ने अस्पताल के विभिन्न विभागों में संचालित ओटी में ताला जड़ दिया है. इससे पांच दिनों से सर्जरी पूरी तरह बाधित है. ऑपरेशन का इंतजार करने वाले मरीजों की संख्या 50 के पार पहुंच चुकी है.

मैनपावर की कमी से इमरजेंसी में चिकित्सा सेवा हुई बदहाल :

चिकित्सकों की हड़ताल के कारण अस्पताल की सेंट्रल इमरजेंसी में मरीजों का दबाव बढ़ा है. चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के कारण इमरजेंसी की चिकित्सा सेवा बदहाल हो गयी है. इलाज के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है. मैनपावर की कमी के कारण इमरजेंसी पहुंचे मरीजों को स्ट्रेचर के जरिए अंदर लेकर जाने के लिए स्वास्थ्यकर्मी नहीं मिल रहे है. ऐसे में परिजन अपने मरीज को हाथों में उठाकर अंदर लेकर जाने को विवश हैं.

पांचवें दिन भी चिकित्सकों ने दिया धरना :

हड़ताल के पांचवें दिन भी जूनियर चिकित्सक अस्पताल के कार्य से दूर रहे. अस्पताल के मुख्य गेट के समीप धरना दिया. हड़ताली जूनियर चिकित्सक कोलकाता में ट्रेनी चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या करने वालों की गिरफ्तारी के साथ राज्य में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं.

प्रभात खबर में प्रकाशित खबर का असर : प्राचार्य के निर्देश पर खोला गया दवा काउंटर व एआरवी केंद्र

हड़ताल को लेकर ओपीडी बिल्डिंग में स्थिति दवा काउंटर व एआरवी केंद्र के बंद होने की सूचना मंगलवार के अंक में प्रकाशित होने पर प्राचार्य सह प्रभारी अधीक्षक डॉ ज्योति रंजन प्रसाद ने इसे गंभीरता से लिया. प्राचार्य के निर्देश पर मंगलवार को दवा काउंटर व एआरवी केंद्र खोल दिया गया. बता दें कि अस्पताल में इमरजेंसी सेवा बहाल है. ऐसे में बड़ी संख्या में मरीज इमरजेंसी जाकर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कर रहे है. ओपीडी स्थित काउंटर बंद होने से मरीजों को दवा नहीं मिल पा रही थी. एआरवी केंद्र के बंद होने से मरीजों को एंटी रेबिज का डोज लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

हड़ताल आज भी जारी रहने की संभावना :

हड़ताल को लेकर असमंजस बरकरार है. जूनियर चिकित्सकों के यूनियन के आह्वान पर डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं. अबतक यूनियन की ओर से हड़ताल वापसी को लेकर कोई घोषणा नहीं की गयी है. ऐसे में बुधवार को भी जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल जारी रहने की संभवना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें