शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) धनबाद में ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) की दवा समाप्त हो चुकी है. अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को बिना दवा के ही लौटाया जा रहा है. ऐसे में उन्हें बाहर से दवा खरीदनी पड़ रही है. जबकि, सरकारी अस्पतालों में टीबी की दवा नि:शुल्क मुहैया करायी जाती है. वर्तमान में फर्स्ट स्टेज वाले टीबी के मरीजों को दी जाने वाली दवा एफडीसी-फोर का स्टॉक खत्म हो गया है. प्रारंभिक जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीजों को एफडीसी-फोर दवा खानी पड़ती है. उन्हें दिन में तीन वक्त यह दवा खाने की सलाह चिकित्सक देते हैं.
35 चिकित्सकों ने एसएनएमएमसीएच में दिया योगदान :
एसएनएमएमसीएच में पदस्थापित 35 सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति रद्द होने के बाद मंगलवार को सभी चिकित्सकों ने अस्पताल में योगदान दे दिया. सभी को संबंधित विभाग में ड्यूटी पर लगाने का निर्देश भी मंगलवार को जारी कर दिया गया. बता दें कि एसएनएमएमसीएच में एसआर चिकित्सकों के कुल 72 पद स्वीकृत हैं. पिछले एक साल से यहां 31 पद रिक्त थे. इन पदों पर स्वास्थ्य चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा चिकित्सकों की पदस्थापना की गयी थी, लेकिन किसी चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति मेडिकल कॉलेज में नहीं की गयी थी. ऐसे में चिकित्सकों की कमी को देखते हुए स्वास्थ्य मुख्यालय ने एसएनएमएमसीएच के साथ राज्य के पांचों मेडिकल कॉलेज में नियुक्त 139 चिकित्सकों की दूसरे अस्पताल में प्रतिनियुक्ति रद्द कर दी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है