सड़क पर मौत नाच रही है. खुलेआम आवारा पशु घूम रहे हैं. हर दिन दुर्घटनाएं हो रही है और नगर निगम खामोश है. बलियापुर डाक बंगाल के पास गुरुवार को आवारा पशु के हमले से एक व्यक्ति की मौत हो गयी. कुछ दिन पहले आठ लेन सड़क पर आवारा पशु के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी. आवारा पशु को बचाने के क्रम में यह दुर्घटना हुई. नगर निगम की ओर से आवारा पशुओं की धड़पकड़ की जाती, तो ऐसी घटना नहीं होती. यह पहली घटना नहीं, बल्कि आये दिन इस तरह की घटना हो रही है. कुछ माह पहले नगर निगम के कर्मी की मौत पुटकी में आवारा पशु से टक्कर होने में हो गयी थी. इसपर निगम का रटा रटाया जवाब होता है कि गोशाला में आवारा पशुओं को नहीं रखा जाता है. आवारा पशुओं को रखने के लिए जमीन की तलाश की जा रही है. चांद कुइंया में दो एकड़ सरकारी जमीन चिन्हित किया गया है. यहां आवारा पशुओं को रखने पर विचार किया जा रहा है.
सड़क पर बैठे रहते हैं आवारा पशु :
सड़क पर आवारा पशु बैठे रहते हैं. इससे अक्सर दुर्घटना होती है. पिछले दिनों रणधीर वर्मा चौक पर एक सांड ने एक महिला को उछाल दिया. उसे काफी चोटें आयी है. दिन तो दिन रात में भी आवारा पशु सड़कों पर बैठे रहते हैं. इनसे अक्सर दोपहिया व चार पहिया वाहनों की टक्कर हो जाती है. कई बार पशु डिवाडर पर बैठे रहते हैं. उनका आधा शरीर सड़क की ओर निकला रहता है. जब भी वहां से कोई वाहन निकलता है और उसी समय पशु उठते हैं, तो दुर्घटना हो जाती है.तीन सांडों को पकड़कर अपनी पीठ थपथपा रहा निगम :
कुछ माह पहले तेलीपाड़ा के एक महिला को सांड़ ने मार डाला. इसके विरोध में तेलीपाड़ा के लोगों ने नगर निगम का घेराव किया. मुआवजा की मांग की. इसके बाद निगम रेस हुआ और बाहुबली सहित तीन सांड को पकड़कर कतरास गौशाला पहुंचाया. इसके बाद निगम का अभियान ठप हो गया.कोट
कतरास गोशाला में आवारा पशुओं को रखने के लिए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा गया है. चुकीं कतरास गोशाला पंचायत क्षेत्र में पड़ता है. नगर विकास से हरी झंडी मिलने के बाद यहां बाड़ा का निर्माण किया जायेगा. प्राक्कलन भी तैयार है. इसके अलावा चांद कुईंया में जमाडा की दो एकड़ जमीन है. जमीन में बाउंडरी भी किया हुआ है. अगर नगर विकास से अनुमति नहीं मिलती है तो चांद कुईंया में आवारा पशुओं को रखने की व्यवस्था की जायेगी. प्रकाश कुमार, उप नगर आयुक्तयह भी पढ़ें
शहर में तेजी से बढ़ रहे डॉग बाइट के मामले और सदर अस्पताल में वैक्सीन समाप्त
धनबाद में कुत्तों का आतंक बढ़ गया है. आये दिन डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. दूसरी ओर जिले के सदर अस्पताल व विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र, उपकेंद्र में एंटी रेबीज वैक्सीन वैक्सीन (एआरवी) समाप्त हो गया है. वहीं नगर निगम ने भी कुत्तों के बंध्याकरण के अभियान पर रोक लगा दिया है. इससे शहर में कुत्तों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. सदर अस्पताल समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में एंटी रेबीज का स्टॉक समाप्त होने से एसएनएमएमसीएच में वैक्सीन लेने वालों की भीड़ बढ़ गयी है. आम दिनों में मेडिकल कॉलेज स्थित वैक्सीनेशन केंद्र में रोजाना औसतन 150 से 200 मरीज वैक्सीन लेने के लिए पहुंचते हैं. वर्तमान में मरीजों की संख्या बढ़कर 400 के करीब पहुंच गयी है.
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