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नाबालिग से दुष्कर्म में मुजरिम को 20 वर्ष कैद

मुजरिम महुदा निवासी कार्तिक राजपूत को 20 वर्ष कैद व 15 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी गयी

नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में सोमवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने मुजरिम महुदा निवासी कार्तिक राजपूत को 20 वर्ष कैद व 15 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. मुजरिम की अनुपस्थिति में फैसला सुनाया गया. वह फरार है. अभियोजन का संचालन सहायक लोक अभियोजक समित प्रकाश ने किया. प्राथमिकी पीड़िता के पिता की शिकायत पर दो अगस्त 2021 को महुदा थाने में दर्ज की गयी थी. इसके मुताबिक 27 जुलाई 2021 को पीड़िता ट्यूशन पढ़ने निकली और घर वापस नहीं लौटी. रिजनों ने खोजबीन शुरू की तो पता चला कि कार्तिक राजपूत उसे लेकर बोकारो भाग गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया. 7 अगस्त 2021 को पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर 9 अगस्त 2021 उसके परिजन को सौंप दिया था.

नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी करार, सजा आज :

नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के एक मामले में सोमवार को पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने आरोपी सुदामडीह थाना क्षेत्र के मोहलबनी नगीना बाजार निवासी मोनू बागती को दोषी करार दिया है. सजा पर फैसला 13 अगस्त को होगा. बचाव पक्ष से अधिवक्ता बीके मिश्रा ने पैरवी की. पीड़िता के पिता की शिकायत पर 25 जनवरी 2024 को सुदामडीह थाने में दर्ज की गई थी. इसके मुताबिक 24 जनवरी 2024 को 10 बजे दिन में मोनू पीड़िता को गलत नीयत से बहला फुसलाकर अन्यत्र ले गया. उसके साथ दुष्कर्म किया और पीड़िता को छोड़कर भाग गया. बाद में मोनू के दोस्तों ने पीड़िता के घर आकर जान मारने की धमकी दी.

जालसाजी में दो डीजीएमएस कर्मी की जमानत अर्जी खारिज, गये जेल :

जाली दस्तावेज बनाकर दूसरे की जमीन हड़पने के मामले में आरोपित डीजीएमएस कार्यालय धनबाद में कार्यरत पुलिस लाइन ग्वाला पट्टी निवासी जवाहर यादव (ड्राइवर) व उसके सहोदर भाई मोतीलाल यादव (क्लर्क) ने सोमवार को प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी की अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत अर्जी दायर की. जमानत अर्जी पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता अनूप कुमार सिन्हा ने बहस की. वहीं सहायक लोक अभियोजक उमेश दीक्षित ने जमानत का कड़ा विरोध किया. कहा कि आरोपियों की जमानत अर्जी सेशन कोर्ट, झारखंड हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट से खारिज हो चुकी है. अदालत ने उभय पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया है.

जान से मारने की धमकी मामले में विकास सिंह समेत तीन हुए रिहा :

टेंडर वापस लेने को लेकर गाली गलौज करने व जान मारने की धमकी देने के मामले में सोमवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी शिवानी शर्मा की अदालत ने अंबिकापुरम एलसी रोड धनबाद निवासी विकास कुमार सिंह सुबोध कुमार राय व राजू मालाकार को साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश दिया. बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता जया कुमार व आयुष सिन्हा ने पैरवी की. ज्ञात हो कि 5 अगस्त 2013 को आरोपियों ने मोबाइल से फोन कर झरिया निवासी ललित मोहन सिंह को टेंडर वापस लेने को लेकर गाली ग्लौज व जान से मारने की धमकी दी थी.

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