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बासुकिनाथ धाम: सावन सोमवारी व नागपंचमी पर दिखा शिवलोक का नजारा, 1.35 लाख से अधिक कांवरियों ने किया जलाभिषेक

दो बजे रात को बाबा बासुकिनाथ मंदिर का पट खुला. सरकारी पूजा के बाद लगभग प्रातः 3 बजकर 35 मिनट से श्रद्धालु अरघा के माध्यम से बाबा का जलार्पण करने लगे. सरकारी पूजा के बाद अरघा में जल डालने का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है.

बासुकिनाथ, आदित्यनाथ पत्रलेख: विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव-2023 की सातवीं सोमवारी व नागपंचमी के पावन अवसर पर बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ जुटी. नागपंचमी व सोमवारी का अद्भुत संयोग बना है. सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनायी जाती है. इसमें नाग देवता की पूजा होती है और सावन सोमवार शिव जी को समर्पित है. इस पावन तिथि पर श्रद्धालु फौजदारी बाबा पर अरघा में जलार्पण कर पुण्य के भागी बने. मंदिर प्रांगण में मानो शिवलोक उतर आया हो. हर-हर महादेव व बोल बम के जयकारे से गुंजायमान रही भोलेनाथ की नगरी. आंकड़ों के अनुसार 1,35,305 कांवरियों ने अरघा में जल डाला.

सुबह 3:35 बजे से बाबा का जलार्पण

दो बजे रात को बाबा बासुकिनाथ मंदिर का पट खुला. सरकारी पूजा के बाद लगभग प्रातः 3 बजकर 35 मिनट से श्रद्धालु अरघा के माध्यम से बाबा का जलार्पण करने लगे. सरकारी पूजा के बाद अरघा में जल डालने का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक चल रहा है. मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट वह मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार 95 हजार कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ के अरघा में जल डालकर मंगलकामना की. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गूंजता रहा. सोमवारी की संभावित भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने पहले से व्यापक व्यवस्था कर रखी थी. सोमवार को बैद्यनाथ धाम में बाबा का जलाभिषेक करने के बाद कांवरियों की भारी भीड़ देर रात तक बासुकिनाथ पहुंचेगी. महिला श्रद्धालुओं ने भी कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारु रुप से गर्भगृह में प्रवेश कराया. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी. सावन की सोमवारी को कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्पलेक्स व शिवगंगा पीड़ तक जा पहुंची. कांवरियों की कतार में घुसपैठ को रोकने के लिए पुलिस की व्यवस्था थी. कांवरियों को पानी पिलाने के लिए स्वयंसेवी संस्था के कई शिवभक्त लगे हुए थे.

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16 हजार कांवरियों ने काउंटर पर जल डाला

मंदिर प्रबंधन के अनुसार 16 हजार महिला पुरुष कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर जल डाला. जलार्पण काउंटर पर भी कांवरियों की लंबी कतार लगी थी. शिवभक्तों ने टीवी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर यहां जलार्पण किया. पाइप द्वारा यह जल सीधे शिवलिंग पर गर्भगृह में गिरता है. उतराखंड के श्याम सिंह, स्नेहा कुमारी, सुधांशु राय, पूनम देवी आदि ने बताया कि मंदिर प्रबंधन द्वारा जलार्पण की व्यवस्था बेहतर है.

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12,49,932 रुपये की हुई आमदनी

शिव मंदिर न्यास समिति को सावन के सोमवारी को विभिन्न श्रोतों से 12,49,932 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर प्रांगण स्थित विभिन्न दानपेटी से 1,25,670 रुपये, मंदिर गोलक से 48,260 रुपये व अन्य श्रोतों से 7402 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. मंदिर में चढ़ावे के चांदी के 10 ग्राम एक सिक्के तथा 5 ग्राम चांदी के 3 सिक्के की बिक्री हुई.

3562 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया

शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत नागपंचमी व सावन सोमवारी को 3562 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत मंदिर न्यास समिति को 10 लाख 68 हजार 600 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस व्यवस्था से कांवरिया खुश हैं. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.

एनडीआरएफ की टीम सक्रिय

सावन मास के सोमवारी को पवित्र शिवगंगा में कांवरियों ने लगाई आस्था की डुबकी. शिवगंगा में श्रद्धालुओं की तादाद को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम शिवगंगा में पूरे अलर्ट मोड में थी. मोटर बोट से शिवगंगा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा का ख्याल रखा जा रहा था. श्रद्धालु पूरे आस्था के साथ शिवगंगा में स्नान कर बाबा फौजदारी नाथ पर जलार्पण करने हेतु कतारबद्ध हो रहे थे.

नाग पंचमी पर नागदेव की पूजा करने से संकट होते हैं दूर

सावन सोमवार व्रत और नाग पंचमी दोनों है. ऐसे में शिव जी की पूजा का महत्व काफी अधिक बढ़ गया है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि मान्यता है कि यदि विधि-विधान के अनुसार भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा की जाए, व्रत रखा जाए तो सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. शिवभक्त सुखी वैवाहिक जीवन बीतता है. घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि शिव जी के साथ ही आज नाग देवता की भी पूजा हो रही है. नाग पंचमी पर नाग देव की पूजा करने से संकट दूर होते हैं. भक्तों की मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं. शिव मंदिरों में भोलेनाथ के साथ नाग देवता के विशेष रूप से पूजा अर्चना की गई. इससे शिव जी प्रसन्न होकर सदा अपनी कृपा दृष्टि अपने भक्त पर बनाए रखते हैं.

सोमवारी व्रत, अक्षत, बेलपत्र, पुष्प-चंदन से भोलेनाथ शीघ्र होते हैं प्रसन्न

श्रावण मास में सोमवार व्रत फलदायक होता है. भगवान शिव को सोमवार का दिन अत्यधिक प्रिय है. जो भक्त सोमवारी का व्रत रखते हैं शिव जी वैसे भक्तों से प्रसन्न होते हैं. यूं तो भगवान शिव की पूजा सालों भर होती है, परंतु श्रावण माह में शिव पूजा से भक्तों की संपूर्ण मनोकामनाएं पूर्ण होती है. वही कुंवारी लड़कियों के लिए सोलह सोमवार व्रत रखने से मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है. पंडित नकुल झा ने बताया कि इस मास में सोमवारी व्रत शिवपूजन अक्षत, बेलपत्र, पुष्प चंदन आदि से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न होते हैं. भोलेनाथ को धतूरा का फूल, बिल्वपत्र, शत रुद्री का पाठ, पंचाक्षर मंत्र का जाप अति प्रिय है. महामृत्युंजय जाप और गंगा जल अर्पण से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण कर रखा है, चंद्रमा का दिन सोमवार का होता है इसलिए जो भी भक्त सोमवारी का व्रत रखकर भोलेनाथ की आराधना करते उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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