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दुमका : बीजेपी ने पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव को साथ आने को कहा, दिया ये ऑफर

सारठ विधायक रणधीर सिंह की दुमका कोर्ट में बुधवार को पेशी हुई. एमएलए-एमपी के विशेष अदालत तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद के अदालत में हुई. पेशी सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में हुई.

दुमका : कांग्रेस नेता व पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव के द्वारा बाबूलाल मरांडी को लेकर दिये गये बयान के बाद सारठ विधायक रणधीर कुमार सिंह ने पलटवार किया है. दुमका के श्री अग्रसेन भवन में संगठनात्मक कार्यक्रम में पहुंचे रणधीर सिंह ने कहा कि प्रदीप यादव भाजपा में शामिल हो जायें, पार्टी पोड़ैयाहाट से टिकट देगी. कहा कि श्री यादव आज विधायक हैं, तो बाबूलाल मरांडी की बदौलत है. प्रदीप यादव पहली बार जब विधायक बने थे, तभी बाबूलाल मरांडी ने ही उन्हें टिकट दिया था. जब वे गोड्डा सांसद बने या झारखंड सरकार में मंत्री बने तो बाबूलाल मरांडी का साथ उन्हें मिला. यहां तक कि वर्तमान में भी जब वे विधायक हैं, तो 2019 में बाबूलाल मरांडी के ही दिये टिकट पर उन्होंने जीत दर्ज की थी. ऐसे में बाबूलाल मरांडी के बारे में बोलने का उन्हें अधिकार नहीं है. रणधीर सिंह ने यह प्रतिक्रिया देने के साथ ही विधायक प्रदीप यादव को यह सलाह भी दे डाली कि कांग्रेस उन्हें आनेवाले लोकसभा चुनाव में गोड्डा से प्रत्याशी बनानेवाली नहीं है. इसलिए उन्हें भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लेना चाहिए. 2024 में संताल परगना की तीनों लोकसभा सीट पर हमारी जीत पक्की है. 2024 में झारखंड में जो विधानसभा चुनाव होंगे, उसमें भी भाजपा को प्रचंड बहुमत प्राप्त होगा. उन्होंने हेमंत सरकार पर आरोप लगाया कि वे केंद्र की योजनाओं को रोक रहे हैं या शिथिल कर रहे हैं. या नाम अपने अनुसार बदल रहे हैं.


सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में सारठ विधायक की कोर्ट में पेशी

सारठ विधायक रणधीर सिंह की दुमका कोर्ट में बुधवार को पेशी हुई. एमएलए-एमपी के विशेष अदालत तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण प्रसाद के अदालत में हुई. पेशी सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में हुई. केस में बुधवार गवाहों की गवाही होनी थी. मामला देवघर नगर 28 अक्तूबर 2021 को दर्ज था. विधायक रणधीर सिंह समेत बलदेव दास, सहिम खान, नागेश्वर सिंह, मणिकांत यादव, गोविंदा यादव, दिनेश मंडल, विपिन प्रसाद देव, अल्ताफ हुसैन, प्रेम भारती, अमरकांत पांडेय, बिंदु देवी, संजय दास एवं गोपाल यादव सभी 14 को आरोपी बनाया गया था. तत्कालीन सीओ देवघर सिद्धार्थ शंकर चौधरी ने मामला दर्ज कराया था. समाहरणालय परिसर में सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन के दौरान धक्का-मुक्की, मारपीट व सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने का आरोप लगा था. हालांकि गवाहों की अनुपस्थिति के कारण गवाही नहीं हो सकी. व्यवहार न्यायालय परिसर में होनेवाले हाइ कोर्ट के वर्चुअल प्लेटफाॅर्म के उद्घाटन आदि कार्यों को लेकर और गवाहों की अनुपस्थिति के कारण घंटों विधायक को न्यायालय में इंतजार करना पड़ा. गवाही नहीं गुजरने और घंटों इंतजार से खिन्न विधायक कोर्ट से बाहर निकल गये.

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