Jharkhand Weather News: झारखंड में पिछले कई दिनों की बारिश से जनजीवन प्रभावित है. दुमका के रानीश्वर प्रखंड में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश से आसनबनी पीएचसी परिसर में जल-जमाव से तालाब जैसा नजारा देखने को मिल रहा है. बरसात का पानी परिसर में चहुंओर जमा है. ऐसे में पीएचसी परिसर तालाब में तब्दील हो गया है. पानी के निकासी की व्यवस्था नहीं रहने या नाली नहीं बने होने से परिसर में एक से डेढ़ फीट पानी भरा हुआ है. स्वास्थ्यकर्मियों तथा इलाज के लिए पीएचसी पहुंचने वाले मरीजों तथा उनके परिजनों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार पीएचसी के पास सड़क पर पुलिया थी. उसी पुलिया से होकर पहले बरसात के पानी की निकासी होती थी. फिलहाल पुलिया बंद हो जाने से बरसात के पानी की निकासी नहीं हो पा रही है. इससे बरसात का पानी पीएचसी परिसर में जमा रह जाता है. हरिपुर सड़क पर भी पानी तालाब जैसा जमा रह जाता है. पीएचसी परिसर में जल-जमाव से उत्पन्न समस्या से संबंधित खबर छापे जाने पर दो साल पहले पक्की नाली निर्माण की स्वीकृति दी गयी थी. पर नाली की लंबाई कम रहने पर संवेदक के द्वारा आनन-फानन में नाली निर्माण करा दिया गया था. समस्या बरकरार ही रह गयी है.
ग्रामीणों का कहना है कि जल निकासी नाली का निर्माण सही तरीके के नहीं कराया गया है. बारिश होने से ही यहां पीएचसी परिसर में ही नहीं आसनबनी हरिपुर सड़क जो आसनबनी मिडिल स्कूल व हाइ स्कूल होते हुए गुजरता है. सड़क पर भी एक से डेढ़ फीट पानी जमा हो जाता है. यहां कई दिनों से बरसात का पानी जमा है. पीएचसी पहुंचने के साथ साथ स्कूली बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आने जाने में परेशानी होती है. वहीं ग्रामीणों को भी परेशानी झेलनी पड़ती है. परिसर तथा सड़क पर पानी जमा रह जाने पर स्कूली बच्चों तथा राहगीरों को जूता चप्पल खोल कर आना-जाना करना पड़ रहा है. गुरुवार को यहां साप्ताहिक हटिया लगता है. हटिया के दिन बाहर से काफी संख्या में लोगों का आना-जाना होता है.
बारिश से रामपुर गांव में घर गिरा, मदद की गुहार
दुमका में लगातार हो रही बारिश के बीच सदर प्रखंड के पारसिमला पंचायत के रामपुर गांव में रानी मरांडी का मिट्टी का घर गिर गया है. घर गिर जाने से रानी मरांडी के समक्ष दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.बताया कि उनके पति सनातन मुर्मू दो महीने पूर्व मजदूरी करने महाराष्ट्र चले गये हैं. वह घर पर सात वर्षीय बेटी एवं तीन माह के बेटा के साथ है. गुरुवार सुबह सोकर उठी और बच्चे को लेकर बाहर रास्ते में निकली, तब अचानक घर गिर गया. घर पर रखा सारा सामान घर के अंदर दब गया. उधर, गांव के ही सामुएल किस्कू के घर के पास बने गोहाल के ढहने से दो बकरी की मौत हो गयी.
बारिश से लबालब हुए खेत व तालाब, बांध टूटने के बाद खेतों में पहुंची मछलियां
बासुकिनाथ में तीन दिनों की बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. जरमुंडी प्रखंड क्षेत्र में धान की फसल व सब्जी को नुकसान हो रहा है. गुरुवार को दिन भर बारिश हुई. नगर पंचायत क्षेत्र में गली मुहल्लों में जलभराव से लोगों को परेशानी हुई. तेज हवा के कारण धान की फसल गिर गयी. बारिश से खरीफ सीजन में खड़ी फसलों पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है. खेत में मेड़ के ऊपर तक पानी भरा है. धान के फसल अच्छी होने की उम्मीद है. किसान दिगंबर राय, गोलू सिंह आदि ने बताया कि लगातार बारिश से मकई, तिल, उरद, बराई, बोदी व लोहना धान की फसल प्रभावित हो जायेगी. यदि इसी तरह बारिश हुई तो हम लोगों को काफी नुकसान झेलनी पड़ेगी. किसान सरयू सिंह, रतन राय आदि ने बताया कि बारिश धान-भिंडी के लिए वरदान है. हरी सब्जियां और टमाटर की खेती बर्बाद हो गयी है. तालाब का बांध टूट जाने के कारण मछली खेतों में बह गयी.
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