Neelam Neerad: जनजातीय जादोपटिया पेंटिंग और संताल भित्तिचित्र कला की प्रख्यात कलाकार नीलम नीरद के नाम एक और उपाधि जुड़ गई है. उन्हें विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर ने विद्यावाचस्पति की मानद सारस्वत उपाधि से नवाजा है. विद्यावाचस्पति डॉक्टरेट उपाधि के बराबर माना जाता है. उन्हें यह सम्मान जनजातीय चित्रकला के क्षेत्र में किये जा रहे उनके कार्यों, नवोन्मेष, लेखन और शोध के लिए दिया गया है.
डॉ. नीलम कई बार हो चुकी हैं सम्मानित
डॉ. नीलम नीरद को संस्कृति मंत्रालय (भारत सरकार) से प्रतिष्ठित सीनियर फेलोशिप अवार्ड भी मिल चुका है. उन्हें उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए इससे पहले भी कई बार प्रतिष्ठित सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं. उनकी जादोपटिया पेंटिंग और कला-संस्कृति पर कई शोधपूर्ण आलेख देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं. उनके साथ कई बातचीत आकाशवाणी से प्रसारित भी हुई है.
सम्मान पाने पर लगातार मिल रही है बधाई
‘संताल जनजातीय जादोपटिया चित्रकला और भित्तिचित्र- विशद अध्ययन’ विषय पर उनके शोध-प्रबंध, चित्रकला शैलियों के नवोन्मेष, विभिन्न माध्यमों एवं प्रारूपों में पेंटिंग, डिजाइन समेत अन्य कार्यों के लिए विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ की अकादमिक परिषद ने उन्हें यह उपाधि देने की अनुशंसा की थी. नीलम नीरद आदिवासी चित्रकला अकादमी, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, दुमका की सचिव भी हैं. वो झारखंड की उप-राजधानी दुमका में रहती हैं. इस सम्मान के लिए उन्हें लगातार बधाई मिल रही है.