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दुमका जिले में साल भर में बढ़ गयी एचआइवी मरीजों की संख्या, जानें पूरा मामला

एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंधो, रक्त के आदान-प्रदान तथा मां से शिशु में संक्रमण द्वारा होता है. एचआईवी का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है. हालांकि दवाइयों से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.

दुमका जिले में एचआईवी एड्स से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है. पिछले साल जहां जिले भर में 106 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले थे. वहीं इस बार अक्तूबर तक 99 एचआईवी पॉजिटिव मरीज जिले में सामने आ चुके हैं. एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर कैंप भी लगाए जा रहे हैं और लोगों की जांच भी की जा रही है. इतना ही नहीं एचआईवी पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए भी पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. इसके बावजूद भी एचआईवी संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस साल जिले में कुल 99 एचआईवी पॉजिटिव मरीज मिले है, जिनमें 16 गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी. यानी इनसे होने वाली संतान को भी एचआईवी संक्रमण का खतरा बना हुआ है. संक्रमित मरीजों में 53 पुरूष और 46 महिलाएं शामिल हैं.एड्स की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर लोगों को जागरूक किया जाता है. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अलावा सभी प्रखंड स्थित स्वास्थ्य केंद्रों में संदिग्ध मरीजों की जांच की जा रही है, तो वहीं एचआईवी संक्रमित मरीजों का इलाज भी किया जा रहा है.

सुरक्षा उपाय अपनाना ही सबसे बड़ा बचाव : एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंधो, रक्त के आदान-प्रदान तथा मां से शिशु में संक्रमण द्वारा होता है. एचआईवी का अभी तक कोई इलाज उपलब्ध नहीं है. हालांकि दवाइयों से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. जिससे एचआईवी संक्रमित मरीज लंबे समय तक जिंदा रह सकते हैं. इससे बचने के लिए सुरक्षा ही बचाव है.


2020 में एआरटी सेंटर खुलने से मरीजों को मिली है राहत

2020 में एआरटी सेंटर का शुभारंभ किया गया. इससे पूर्व संक्रमित मरीजों को देवघर जाकर अपना इलाज कराना पड़ता था. एआरटी सेंटर के चालू होने से एड्स संक्रमित मरीजों को काफी राहत मिली है. अबतक सेंटर में करीब 550 मरीजों निबंधन हो चुका है. इनमें से करीब 400 मरीज नियमित सेंटर से दवा का सेवन कर रहे हैं. संक्रमितों में दुमका और पाकुड़ के मरीज भी शामिल हैं. एआरटी सेंटर काउंसेलर का पद रिक्त है. इसके अलावा सेंटर आने वाले मरीजों की देखरेख के लिए स्टॉफ नर्स एलिना किस्कू, डाटा मैनेजर विभाष कुमार, केयर को-ऑर्डिनेटर रोज मेरी किरण मुर्मू, लैब तकनीशियन जय कुमार मंडल, फार्मासिस्ट अभिषेक पांडेय, हेल्थ प्रमोटर प्रिया कुमारी और फीमेल वार्ड एटेंडेंट सुमोती सोरेन पदस्थापित हैं. सेंटर में संक्रमित मरीजों की काउंसिलिंग, वायरल लोड टेस्ट और सीडी फ़ॉर जांच की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा मरीजों को जीवन भर सेंटर से एआरवी ड्रग निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है. एआरटी सेंटर रविवार और ओपीडी बंदी के दिन बंद रहता है.

जिले में प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में किट से जांच करने की है सुविधा

दुमका जिला में एड्स की रोकथाम के लिए जांच की सुविधा उपलब्ध है. आईसीटीसी जांच केंद्र के अलावा सभी प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों में जांच की सुविधा उपलब्ध है. औसतन प्रतिमाह 35 से 40 हजार लोगों की एचआईवी जांच होती है. जिसमें मुख्यत: गर्भवती महिलाएं, गंभीर रोग से पीड़ित मरीज व ऑपरेशन होने मरीज शामिल हैं.

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