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जलसंकट बड़ी आबादी की बनी त्रासदी

कदमा गांव के लोगों ने सुनायी समस्याएं, जलमीनार की खराबी परेशानी का सबब

काठीकुंड. प्रखंड के कदमा गांव में सोमवार को प्रभात खबर आपके द्वार अभियान के तहत ग्रामीणों ने अपनी वर्षों पुरानी पेयजल समस्या को उजागर किया. गांव में वर्षों पहले निर्मित जलमीनार अब तक अनुपयोगी पड़ा है, जिससे सैकड़ों ग्रामीण पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. कदमा गांव के मुखिया टोला में स्थित यह जलमीनार, जो कभी गांव की जलापूर्ति के लिए बनाया गया था, अब केवल शोभा बढ़ाने का काम कर रहा है. जानकारी के अनुसार, 16,000 लीटर क्षमता वाले इस जलमीनार का निर्माण वर्ष 2014-15 में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा कराया गया था. इस योजना के तहत 80 परिवारों को पाइपलाइन के माध्यम से जल आपूर्ति की जानी थी. जलमीनार की सुचारु व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक समिति भी गठित की गई थी, जिसका कार्य रखरखाव सुनिश्चित करना था. तकनीकी खराबी और रखरखाव की अनदेखी बनी समस्या ग्रामीणों को जल उपयोग के बदले हर महीने 62 रुपये जमा करने थे, जिससे जलमीनार के रखरखाव का खर्च उठाया जा सके. लेकिन समय पर राशि का संग्रहण नहीं हो सका, वहीं मशीनी खराबियों के कारण जलमीनार नियमित रूप से संचालित नहीं हो पाया. ग्रामीणों का कहना है कि मोटर खराब होने के कारण पिछले चार वर्षों से यह जलमीनार पूरी तरह बेकार पड़ा है. गांव के एकमात्र नल पर निर्भर ग्रामीण : गांव के 80 परिवारों के लिए अब पानी का एकमात्र स्रोत एक सार्वजनिक नल है, जो पर्याप्त नहीं साबित हो रहा है. इस भीषण समस्या के समाधान के लिए ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से जल्द से जल्द जलमीनार को दुरुस्त करने की मांग की है ताकि उन्हें स्वच्छ पेयजल की सुविधा मिल सके. ———————————— चार दिन की चांदी, फिर अंधेरी रात… यह कहावत हमारे गांव में जलापूर्ति के लिए लगी जलमीनार पर सटीक बैठती है. इसे दुरुस्त करने की पहल हो. तस्मीना खातून एक चापानल है, जिससे बड़ी मशक्कत के बाद पानी निकलता है. वह भी अत्यधिक लौह युक्त. जलमीनार की स्थिति तो तो हाथी के दांत जैसी है. खालिदा खातून आगे गर्मी का मौसम है,इसे देखते हुए जलमीनार को अविलंब ठीक कराया जाना चाहिए,ताकि पानी की समस्या को लेकर परेशानी न हो. समीना खातून काफी समय से जलमीनार में लगा मोटर खराब पड़ा है, जिस कारण हम ग्रामीणों को पानी की हर जरूरत के लिए समस्या आ रही है. एक मात्र पुराना चापानल भी दम तोड़ता नजर आ रहा है. संजीदा परवीन केवल कहने को इतने विशालकाय टंकी का निर्माण कराया गया है. व्यवस्था फिर से दुरुस्त की जाय ताकि पानी के लिए इधर उधर भटकना न पड़े. मनीरुद्दीन अंसारी, खराब पड़े मोटर को दुरुस्त कराने की पहल संबंधित विभाग करे. मोटर के रखरखाव के लिये हम सब ग्रामीण निर्धारित राशि का वहन करते हुए जलमीनार के नियमित प्रयोग को भविष्य में सुनिश्चित करेंगे. अताउल अंसारी जलमीनार को दुरुस्त करते हुए पूर्व से बनी समिति को जिम्मेदारियां देते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में इसका रखरखाव समिति द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से किया जायेगा. इसहाक अंसारी जब जलमीनार बना था तो लगा था कि पानी की असुविधा अब नहीं होगी. लेकिन फिर खराबी के कारण जलापूर्ति बंद हो गयी. एक बार दुरुस्त भी कराया गया था, लेकिन फिर से खराबी के बाद स्थिति जस की तस हो गयी. मो शाहनवाज

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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