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महिला चिकित्सक से रेप व हत्या के विरोध में आईएमए के आह्वान पर 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवा ठप रही

सरकारी और निजी अस्पतालों के बंद रहने से भटकते मरीज रहे. पीजेएमसीएच के ओपीडी में 80 इमरजेंसी मरीजों का उपचार हुआ. भर्ती हुए 36, कई मरीज बिना इलाज कराये लौटे.

दुमका नगर. कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ रेप और उसकी बेरहमी से हत्या के विरोध में शनिवार को आईएमए के आह्वान पर पूरे देश में 24 घंटे के लिए ओपीडी सेवा बाधित किया गया. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ-साथ जिले के सभी निजी क्लिनिक व अस्पताल में ओपीडी सेवा बाधित रही. आईएमए के आह्वान पर शनिवार को पीजेएमसीएच व जिले के सभी डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा का बहिष्कार किया. फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सक पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत निर्धारित समय पर अस्पताल पहुंचे और ओपीडी परिसर में धरना पर बैठ गये. धरना में आईएमए के जेडीएन नेशनल स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य डॉ सुशील कुमार शामिल थे. डॉ सुशील कुमार कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक के साथ जघन्य अपराध हुआ. पाश्विक विचारधारा का कोई व्यक्ति ही इस प्रकार की घटना को अंजाम दे सकता है. 14 अगस्त की रात को अस्पताल में घुसकर चिकित्सकों के साथ मारपीट करने व साक्ष्य मिटाने की कोशिश करने की घटना घटी थी. डॉ सुशील ने मांग की कि इस घटनाक्रम में शामिल एक-एक व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा मिले. साक्ष्य को सुरक्षित रखा जाय ताकि अपराधियों को उचित सजा मिल सके. उन्होंने सरकार से चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की. कोलकाता जैसे महानगर में अगर इस प्रकार का जघन्य अपराध हो सकता है तो सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के डॉक्टर कितने सुरक्षित हैं. अगर उनके साथ कोई हादसा हुआ तो उसका जिम्मेवार कौन होगा. कल ही तो हजारीबाग में चिकित्सक के साथ मारपीट की गयी. चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाय. सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम करें. हमारी मांग है नो सिक्योरिटी, नो ड्यूटी. इस पर सरकार को विचार करते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए निर्णय ले, तब चिकित्सक आंदोलन को वापस लेंगे. धरना में आईएमए अध्यक्ष डॉ डीएन पांडेय, सचिव डॉ तुषार ज्योति, डॉ काजी, डॉ प्रवीण सोलंकी, डॉ समीर कुमार, डॉ सरीफुल हक, डॉ नुरुल होदा, डॉ मनीष भारती, डॉ एन अशोक, डॉ शक्ति प्रकाश गभास्कर, डॉ रुकसाना, डॉ आदित्या, डॉ अतिप्रिया, डॉ विपुल मंडल, डॉ अभिनंदन, डॉ प्रियांक व मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राएं शाामिल थे.

ओपीडी सेवा बंद रहने से इधर-उधर भटकते नजर आये मरीज :

चिकित्सक के ओपीडी सेवा बहिष्कार करने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. मरीज निजी क्लिनीकों में भी चक्कर लगाते नजर आये. पीजेएमसीएच में प्रतिदिन 600 से 700 मरीज इलाज के लिए आते हैं. ओपीडी सेवा बंद रहने के कारण सामान्य मरीजों का इलाज नहीं हो सका. इमरजेंसी सेवा में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक 80 गंभीर मरीजों का इलाज किया गया. इनमें से 36 मरीजों को भर्ती किया गया है.

लैब एसोसिएशन के संचालकों ने भी रखा बंद :

कोलकाता में लेडी डॉक्टर के साथ हुई घटना काफी निंदनीय है. दुमका आईएमए के समर्थन में दुमका लैब एसोसिएशन के संचालकों ने अपने अपने संस्थान को बंद रखा और सभी संस्थान के संचालक एकजुट होकर 2 मिनट का मौन रखकर दिवंगत चिकित्सक की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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