बासुकिनाथ: राजकीय श्रावणी मेले के चौथे दिन शुक्रवार को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. शिव के सावन में भक्ति का अद्भुत संगम चहूं ओर दिख रहा है. सुबह 2:55 बजे बाबा बासुकिनाथ के गर्भगृह का पट खोला गया. तीन बजे भोर से ही मंदिर प्रांगण में कांवरियों की भीड़ लगी रही. सरकारी पूजा के बाद गर्भगृह का पट कांवरियों के जलार्पण के लिए खोल दिया गया. 4:06 बजे बाबा फौजदारीनाथ पर देवतुल्य श्रद्धालुओं ने जलार्पण करना शुरू किया. बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में 41 हजार कांवरियों ने जलाभिषेक किया.
41 हजार कांवरियों ने किया जलार्पण
बाबा फौजदारीनाथ पर देवतुल्य श्रद्धालु सुगमता पूर्वक लगातार जलार्पण कर रहे हैं. शुक्रवार को शिवगंगा घाट व मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार शाम पांच बजे तक 41 हजार कांवरियों ने जलार्पण किया. कतारबद्ध होकर महिला-पुरुष कांवरियों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. उमसभरी गर्मी और धूप-छांव के बीच शिवभक्त कांवरिया मंदिर परिसर में भगवान भोलेनाथ की भक्ति में पसीने से तर बतर होकर नाच-गा रहे थे. मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गूंजायमान रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार सैकड़ों कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर भी जल डाला. श्रद्धालु एलसीडी में भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का दर्शन कर काउंटर पर जल डाला. यह गंगाजल पाइपलाइन द्वारा सीधे बाबा के शिवलिंग पर गिरता है.
898 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया
शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत शुक्रवार को 898 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत मंदिर न्यास समिति को 2 लाख 69 हजार 400 रुपये की आमदनी हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. मंदिर प्रबंधन के अनुसार इस व्यवस्था से कांवरिया खुश हैं.
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मंदिर को 7,22,072 रुपये की हुई आमदनी
मंदिर न्यास समिति को शुक्रवार को विभिन्न श्रोतों से 7,22,072 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर परिसर स्थित विभिन्न दानपेटी से 4,46,260 रुपये एवं अन्य श्रोतों से 6,412 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. दानपेटी व गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में किया गया. मंदिर कार्यालय में चांदी का सिक्का 10 ग्राम का एक पीस तथा 5 ग्राम चांदी का सिक्का 15 पीस बिक्री हुई. कांवरिया पूजा के बाद प्रसाद स्वरूप चांदी का सिक्का खरीद कर घर ले जाते हैं. यह सिक्का मंदिर में भक्तों द्वारा चढ़ावे के चांदी से निर्मित कराया जाता है तथा उसे निर्धारित दर पर चांदी के सिक्के की बिक्री की जाती है. भक्त आस्था के साथ मंदिर में चांदी के सिक्के की खरीददारी करते हैं. यह सिक्का दुमका के एक प्रसिद्ध ज्वेलर्स के द्वारा कोलकता से बनवाकर मंदिर को दिया जाता है.
दिल्ली कांवर मंडली 100 सदस्यों ने जलार्पण किया
श्रावणी मेले में दिल्ली कांवर मंडली ने जलार्पण किया. इसके बाद मंदिर प्रांगण में एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर गले मिले. कांवरिया मंडली के रवि पोद्दार, पवन अग्रवाल, शंकर गोयंका, अमित अग्रवाल आदि भक्तों ने बताया कि पिछले 9 वर्षों से मंडली के सदस्य उतरवाहिणी गंगाजी सुल्तानगंज से जल लेकर बाबा भोलेनाथ का जलार्पण करते रहे हैं. बीच में दो साल कोरोना के कारण नहीं आ पाये. मंडली के करीब 100 सदस्यों ने फौजदारी बाबा का जलार्पण कर मंदिर परिसर में भव्य आरती की. मंडली के सदस्यों ने बताया कि सावन में बाबा पर जलार्पण के बाद मन को असीम शांति मिलती है.