बासुकीनाथ (दुमका), आदित्यनाथ पत्रलेख : राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव के 15वें दिन मंगलवार 18 जुलाई, 2023 को बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की जबरदस्त भीड़ लगी रही. सुबह तीन बजे से मंदिर प्रांगण, शिवगंगा घाट व मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 45 हजार कांवरियों ने अरघा में जल डालकर बाबा फौजदारीनाथ से सुख समृद्धि की कामना की. हालांकि, दोपहर के बाद अरघा हटा लिया गया. गर्भगृह में स्पर्श पूजा शुरू हो गयी.
मंदिर परिसर बाबा के जयकारे से गुंजता रहा. महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से मंदिर प्रांगण में प्रवेश कराकर जलार्पण कराया. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति व आस्था देखते ही बन रही थी.
मंगलवार की सुबह तीन बजे से ही मंदिर में भक्तों का जो तांता चला वह शाम तक बना रहा. संध्या पूजा में कुछ देर के लिए विराम हुआ. फिर जलार्पण अनवरत चल रहा है. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्पलेक्स व शिवगंगा पीड़ तक सिमटी रही.
मंदिर प्रबंधन के अनुसार, पांच हजार महिला-पुरुष कांवरियों ने जलार्पण काउंटर पर जल डाला. शिवभक्तों ने एलईडी स्क्रीन पर भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर यहां जलार्पण किया. पाइप लाइन द्वारा यह गंगाजल सीधे शिवलिंग पर गर्भगृह में गिरता है. काउंटर पर वैसे कांवरिया जलार्पण करते हैं जो कांवरिया शेड में कतारबद्ध नहीं होना चाहते.
शिव मंदिर न्यास समिति को सावन के मंगलवार को विभिन्न श्रोतों से 5,54,877 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. मंदिर गोलक से 1, 54, 300 रुपये नगद प्राप्त हुए. गोलक से 198 ग्राम चांदी एवं अन्य श्रोतों से 9,677 रुपये मंदिर को आमदनी हुई. मंदिर गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी व अधिकारी के निगरानी में किया गया.
1303 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम किया
शीघ्रदर्शनम व्यवस्था के तहत मंगलवार को 1303 श्रद्धालुओं ने बाबा फौजदारीनाथ की सुलभ जलार्पण किया. इस व्यवस्था के तहत शिव मंदिर न्यास समिति को 3 लाख 90 हजार 900 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. इसके तहत कांवरियों को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का कूपन कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह द्वार से उक्त श्रद्धालु को मंदिर प्रांगण में प्रवेश मिलता है. मंदिर प्रांगण स्थित विशेष द्वार से श्रद्धालु मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर जलार्पण करते हैं. वहीं, 10 ग्राम चांदी के 26 सिक्के तथा पांच ग्राम चांदी के 53 सिक्के की बिक्री हुई. शीघ्रदर्शनम की बेहतर व्यवस्था पर अधिकांश कांवरियों ने प्रसन्नता व्यक्त की.
पंचाक्षरी मंत्र ॐ नम: शिवाय व महामृत्युंजय मंत्र के जाप से मिलती है सभी कष्टों से मुक्ति. दु:ख भय, रोग, मृत्युभय आदि दूर होकर मनुष्य को दीर्घायु कह प्राप्ति होती है. पंडित सुधाकर झा ने बताया कि विश्व शांति के लिए रूद्राभिषेक आदि का अनुष्ठान कराया जाता है, सावन मास में शिवोपासना में पार्थिव पूजा व शिव की मानस पूजा का विशेष महत्व है.