दुमका कोर्ट. दुमका में तृतीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश राजेश सिन्हा की अदालत ने पत्नी की गला दबाकर हत्या करने के एक मामले में दोषसिद्ध आरोपी को सश्रम आजीवन कारावास और दस हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है. शनिवार को सत्र वाद संख्या 166/2021 रामगढ़ थाना कांड संख्या 78/2021 में सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई, जिसमें सरकार की ओर से लोक अभियोजक चंपा कुमारी ने बहस में हिस्सा लिया. न्यायालय ने दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद दोषसिद्ध आरोपी सुदर्शन मांझी को भादवि की धारा 302/34 के तहत सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी. वहीं दस हजार रुपए अर्थदंड का भुगतान करने का भी आदेश दिया. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर आरोपी को छह महीने तक अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. इससे पूर्व 10 जून को ही आरोपी सुदर्शन मांझी को दोषी करार देते हुए न्यायिक हिरासत में ले लिया गया था. विचारण के दौरान दोनों पक्षों की ओर से 12 गवाह पेश किये गए तथा उनका प्रति-परीक्षण कराया गया. लोक अभियोजक से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के भालसुमर गांव निवासी विमल मांझी के लिखित आवेदन पर 4 जून 2021 को रामगढ़ थाना में मृतका के पति सुदर्शन मांझी समेत परिवार के चार लोगों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. हालांकि अनुसंधान के दौरान अन्य के विरुद्ध साक्ष्य नहीं मिलने पर तीन अन्य लोगों को आरोप मुक्त कर दिया गया था. प्राथमिकी के मुताबिक सूचक विमल मांझी ने अपनी पुत्री मनिका देवी उर्फ मुरली देवी की 2011 में सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार रामगढ़ थाना क्षेत्र के पिंडरा गांव निवासी सुदर्शन मांझी के साथ शादी की थी. 4 जून 2021 को सुबह मोबाइल पर सूचना खबर मिली कि उसकी बेटी की मृत्यु हो गयी है. इस सूचना पर वह अपनी बेटी के घर गया तो देखा कि उसकी पुत्री मृत पड़ी है. गले पर निशाना था और उसकी लाश के बगल में माला पड़ा है. सूचक ने आवेदन में आरोप लगाते हुए कहा है कि मेरी पुत्री मनिका देवी की उसके पति सुदर्शन मांझी, ससुर,सास और गोतनी ने मिलकर माला या रस्सी से गला दबाकर कर हत्या कर दी है. सूचक ने अपने आवेदन में उपरोक्त आरोपियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने का आग्रह किया था.
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